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राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के धरने का असर हुआ, कुछ स्कूलों नें स्वतः स्कूल फीस किया माफ

सोलहवें दिन भी स्कूल फीस माफ़ी की मांग हेतु राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के अपील पर तमाम लोग आज घर पर धरना दिया और फेसबुक लाईव के माध्यम से अपनी मज़बूरी बताते हुए मांग किया, राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के अध्यक्ष प्रताप चन्द्र नें कहा कि सरकारें नागरिक के अभिभावक की भूमिका में होती हैं, आज जब जब देश संक्रमण काल से गुजर रहा है, लोगों की आमदनी नगण्य हो चुकी है, ऐसे में सभी बच्चों की फीस RTE कानून के तहत आर्धिक कमजोर वर्ग हेतु निर्धारित फीस सरकार स्कूलों को भुगतान करे जिससे नागरिकों को आर्थिक न्याय मिल सके और देश के दोयम दर्जे का नागरिक होने का एहसास न हो, नागरिकों को आर्थिक न्याय का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है जिसके तहत स्कूल फीस माफ़ी होनी चाहिए।

विदित हो कि लगातार मानव संसाधन मंत्रालय सहित सभी मुख्यमंत्रियों से पत्र लिखकर 7 अप्रैल से लगातार मांग की जा रही है कि सभी बच्चों की फीस सरकार RTE के तहत निर्धारित फीस, लाकडाउन के दौरान की ३ महीने की फीस स्कूलों को भुगतान करे जिससे अभिभावकों को राहत मिल सके क्यूंकि इस संक्रमण काल में सभी नागरिकों की स्थिति एक सी हो गई हैं।

देश संक्रमण काल से गुजर रहा है, जिससे लगभग सभी प्रकार का व्यवसाय बंद है, लोग गुजारा कर रहे हैं और सरकार के निर्देशानुसार अपने व्यवसाय के कर्मचारियों को तनख्वाह देकर उनका जीवन यापन करा रहे हैं, मकान के किरायेदारों को राहत दे रहे हैं, जबकि दुकानों का किराया, बिजली आदि भी भुगतान कर रहे हैं सरकार से राहत पाए बिना।

देश के नागरिक निरंतर सरकार को अपना वित्तीय योगदान भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स के रूप में देते रहते हैं। आज जब आपदा की स्थिति से नागरिक गुजर रहे हैं तो इस संक्रमण काल में सरकार से कम से कम अपने बच्चों की फीस माफ़ी की अपेक्षा करते हैं।