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लोक निर्माण विभाग (PWD) तबादला धांधली को लेकर योगी सरकार की सख्ती का असर दिखा

लोक निर्माण विभाग तबादला धांधली को लेकर योगी सरकार की सख्ती का असर दिख रहा है।जांच की प्रक्रिया तेज हो गई है। जांच अधिकारी यूपी पावर ट्रांसमिशन लि. के एमडी पी. गुरुप्रसाद ने निलंबित चल रहे तत्कालीन विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता सहित सभी पांच आरोपियों को आरोप पत्र दे दिए हैं। निर्धारित कोटा से अधिक तबादले का प्रस्ताव भेजने व तबादला करने के साथ ही सालों से एक ही स्थान पर तैनात अभियंताओं का तबादला नहीं करने के आरोप लगाए गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जांच अधिकारी ने सोमवार को मनोज कुमार गुप्ता और अन्य आरोपियों को अपने कार्यालय बुलाकर आरोप पत्र की प्रति रिसीव कराई। आरोप पत्र में शामिल किए गए आरोपों पर अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए सभी को 15 दिन का समय दिया है।

तत्कालीन विभागाध्यक्ष पर आरोप है कि उन्होंने शासन को अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) के तबादले के लिए 35 नामों का प्रस्ताव भेजा जबकि 30 नाम ही भेजे जाने चाहिए थे। करीब 20 फीसदी नाम तबादले के लिए अधिक क्यों भेजा गया। इस पर सपष्टीकरण मांगा गया है। दूसरा आरोप है कि विभाग में एक्सईएन और उससे ऊंचें पदों पर तैनात 25 अभियंता जो कि एक ही स्थान पर 10 साल से भी अधिक समय से जमे हैं उनका नाम तबादले के लिए प्रस्तावित सूची में क्यों नहीं शामिल किया। तीसरा आरोप यह है कि 305 की जगह 331 अवर अभियंता (जेई) के तबादले क्यों किए गए। एक मृतक का तबादला आदेश जारी करने और एक ही व्यक्ति का तबादला दो जगह किए जाने के मामले को भी आरोप पत्र का हिस्सा बनाया गया है। बताया जाता है कि अन्य निलंबित आरोपी जिसमें प्रमुख अभियंता राकेश सक्सेना जो कि अब सेवानिवृत्त हो गए हैं तथा अन्य को दिए गए आरोप पत्र में तबादले से जुड़ी अनियमितताओं का ही आरोप लगा है।