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अनुच्छेद 370 हटाने के साहसिक फैसले की दुनियाभर में गूंज : नरेन्द्र मोदी

 

 

बैंकॉक (थाईलैंड)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सरकार ने आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ाने वाले एक बड़े कारण अनुच्छेद 370 को हटाने का जो साहसी फैसला किया उसके बारे में पहले कोई सोच भी नहीं सकता था।

मोदी आसियान बैठक और क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी संबंधित समझौते से जुड़ी वार्ताओं में भाग लेने शनिवार को बैंकाक आए हैं। मोदी ने कहा कि आतंकवाद और अलगावाद से जम्मू कश्मीर को मुक्त कराने के फैसले की दुनियाभर में गूंज हो रही है। उन्होंने कहा कि जब निर्णय सही होता है और इरादा नेक होता है तो दुनियाभर में उसका स्वागत किया जाता है।

बैंकॉक में भारतीय समुदाय की ओर से आयोजित ‘स्वास्दी’(अभिवादन/स्वागत) समारोह में मोदी ने कहा कि उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में पहले से भी अधिक बड़ा जनादेश मिला है। इसका कारण यह है कि जो काम करता है उससे लोग आगे भी काम कराना चाहते हैं, जो कामचोर होता है लोग उसके दिन गिनते हैं। लोगों की आशाओं और अपेक्षाओं के अनुरूप काम करने के संकल्प के कारण ही यह संभव हो पाया कि देश उन लक्ष्यों को हासिल कर रहा है जिनके बारे में पहले सोचा भी नहीं जा सकता था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ काम ऐसे थे जो असंभव लगते थे लेकिन उनकी सरकार ने उन्हें साकार कर दिखाया। इस संबंध में जब उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाए जाने का जिक्र किया तो सभागार में मौजूद सैकड़ों लोगों ने अपने स्थान पर खड़े होकर हर्षध्वनि की। मोदी ने कहा कि आपका यह अभिवादन भारत की संसद और सांसदों के काम का सम्मान है। मोदी ने अपने संबोधन में गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश उत्सव और प्राचीन तमिल कवि तिरुवल्लूवर की कालजयी रचना ‘तिरुक्कुरल’ का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में फैले सिख धर्मावलंबी अपने धर्म और आस्था के केन्द्रों का सुगमता से भ्रमण कर सकें इसके लिए सरकार ने हरसंभव कदम उठाए हैं।

गुरुनानक देव से जुड़े पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब जाने के लिए बनाए गए गलियारे का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि श्रद्धालु अब सीधे वहां जा सकेंगे। उन्होंने थाईलैंड में रहने वाले सिखों से आग्रह किया कि वे सपरिवार भारत आएं और करतारपुर साहिब सहित विभिन्न श्रद्धा केन्द्रों का भ्रमण करें।

प्रधानमंत्री ने थाईलैंड और आसियान देशों के बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए भारत स्थित बौद्ध तीर्थ स्थलों के लिए संपर्क सुविधाओं के विस्तार का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत के 16 स्थान बैंकॉक के साथ सीधी उड़ान से जुड़े हैं। इनमें उनका संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी शामिल है। सारनाथ जाने वाले श्रद्धालु भी वाराणसी होकर ही सारनाथ जाते हैं।

पिछले कुछ अवसरों की ही तरह मोदी ने अपने संबोधन में तमिल भाषा की एक उक्ति भी कही। तिरुवल्लूवर की रचना ‘तिरुक्कुरल’ की इस उक्ति का अर्थ है- ईमानदार लोग परिश्रम से जो धन अर्जित करते हैं, उसका उपयोग दूसरों की भलाई में लगाते हैं।

मोदी ने अपनी सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में आज तेजी से बदलाव आ रहा है, जिसे देश और विदेश के लोग महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में भारत 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य और पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बड़ रहा है।

मोदी ने भारत और थाईलैंड के बीच हजारों साल पुराने सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों की चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि भारत भगवान राम की मर्यादा और भगवान बुद्ध की करुणा में विश्वास रखता है। मोदी ने थाईलैंड की राजकुमारी माहचक्री के बारे में कहा कि वह संस्कृत भाषा की विद्वान हैं। उन्हें पद्मभूषण से अलंकृत कर भारत बहुत संतोष का अनुभव करता है।