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गर्भवती महिलाओं के लिए जहर है वायु प्रदूषण, गर्भ में बच्चे को होती हैं ये परेशानियां

 

 

गाजियाबाद। दिल्ली-एनसीआर को कई दिनों से घेरे बैठा स्मॉग गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है। वायु प्रदूषण के चलते न केवल गर्भपात बल्कि समय से पहले प्रसव का भी खतरा रहता है।

जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. दीपा त्यागी ने शनिवार को बताया कि गर्भावस्था की शुरूआती स्टेज में प्रदूषण के कई दूरगामी और खतरनाक परिणाम हो सकते हैं। गर्भवती महिला के ज्यादा प्रदूषित वायु में सांस लेने से गर्भ में पल रहे बच्चे का मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है, इसके अलावा उसे हाई ब्लड प्रेशर का खतरा भी ज्यादा रहता है।

सीएमएस के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक जोन में पहुंच गया प्रदूषण का स्तर अस्थमा के रो‌गियों के लिए तो जानलेवा है ही छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिला के प्रदूषित हवा में सांस लेने से गर्भ में पल रहे बच्चे की धड़कन प्रभ‌ावित हो सकती है। इतना ही नहीं बच्चे का वजन सामान्य से कम होने का खतरा भी प्रदूषण के चलते बढ जाता है।

डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि आजकल ओपीडी में आने वाली गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर न निकलने की सलाह दे रही है। यदि घर से बाहर निकलना ज्यादा जरूरी हो, तभी निकलें और अच्छे मॉस्क का इस्तेमाल करें। घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें तो बेहतर है।

सीएमएस ने बताया कि गर्भ में पल रहा भ्रूण अपनी मां से ही पूरा पोषण लेता है। अक्टूबर और नवंबर के महीने के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु काफी प्रदूषित रहती है। इस दरमियान यदि किसी महिला को तीन माह तक का गर्भ है तो उसे प्रदूषण से ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है। इस दौरान मां जिस वायु में सांस लेगी, उसमें यदि प्रदूषक तत्व ( कार्बन मोनोक्साइड, पीएम-2.5) मौजूद रहेंगे, तो बच्चे को जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन नहीं मिल पाएगी, जिससे उसकी प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। उन्होंने बताया कि इस दरमियान गर्भपात की आशंका भी बढ़ जाती है इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को थायराराइड होने की आशंका भी प्रदूषण के चलते बढ़ जाती है और भ्रूण के मानसिक विकास में थायराइड की भूमिका होती है। वायु प्रदूषण स्त्री हार्मोन (एस्ट्रोजन) को भी प्रभावित करता है। जानकार बताते हैं कि घर की वायु को शुद्ध करने के लिए प्राकृतिक फिल्टर यानी पौधे लगाएं। एरेका पाम एक ऐसा पौधा है जो कार्बन डाई ऑक्साइड को ऑक्सीजन में बदलने का काम करता है। एलोवेरा, लिली, स्नेक प्लांट, पाइन प्लांट, मनी प्लांट और इंग्लिश आईवी ऐसे ह‌ी पौधे हैं, जो वायु को शुद्ध करने का काम करते हैं।