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रूस और फिनलैंड के बीच तनाव की शुरुआत हो गई है

मॉस्को : रूस और फिनलैंड के बीच तनाव की शुरुआत हो चुकी है। पिछले दिनों फिनलैंड ने घोषणा करते हुए कहा कि वह नाटो में शामिल होने का समर्थन करता है। अब खबर आ रही है कि रूस शनिवार से फिनलैंड को सप्लाई होने वाली बिजली को रोकने जा रहा है और इसके पीछे बकाया भुगतान को कारण बताया जा रहा है। खबरों के मुताबिक रूस की सरकारी एनर्जी फर्म इंटर RAO फिनलैंड के लिए बिजली सप्लाई को बंद करने जा रही है कि क्योंकि उसे 6 मई के बाद से पैन-यूरोपियन एक्सचेंज नॉर्थ पूल के माध्यम से बेची गई बिजली का भुगतान नहीं किया गया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि मॉस्को खतरों से निपटने के लिए सैन्य, तकनीकी और दूसरे जरूरी कदम उठाने के लिए मजबूर हो सकता है। फिनलैंड संभावित कटौतियों और खाने की कमी को लेकर योजना बना रहा है। फिनलैंड अपनी ज्यादातर गैस रूस से आयात करता है। गुरुवार को फिनलैंड के नेता नाटो में शामिल होने के समर्थन में सामने आए। माना जा रहा है कि स्वीडन भी कुछ दिनों के भीतर ऐसा कदम उठा सकता है। पुतिन के यूक्रेन पर हमले ने रूस के पड़ोसियों के मन में खौफ पैदा कर दिया है, जिसके बाद दोनों देशों ने नाटो में शामिल होने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है।

फिलहाल भुगतान में देरी को लेकर कोई कारण स्पष्ट नहीं किया गया है। डेलीमेल की खबर के मुताबिक फिनलैंड पर अंधेरे में डूबने का खतरा ऐसे समय पर मंडरा रहा है जब देश पहले से मॉस्को की तरफ से गैस सप्लाई में कटौती की तैयारी कर रहा है। इस तनाव का कारण फिनलैंड के नाटो में शामिल होने का फैसला है। RAO नॉर्डिक ने एक बयान में कहा कि यह एक असाधारण परिस्थिति है और हमारे 20 साल के व्यापारिक इतिहास में पहली बार हुई है। फिनलैंड के ग्रिड ऑपरेटर फिंगरिड ने एक बयान में कहा कि स्थानीय समयानुसार दोपहर 1 बजे से बिजली की सप्लाई रोक दी जाएगी। फिंगरिड ने कहा कि रूस से आपूर्ति और बिजली को कोई खतरा नहीं है जो फिनलैंड की कुल खपत का 10 फीसदी हिस्सा है। ऑपरेटर ने कहा कि स्वीडन से बिजली आयात और घरेलू उत्पादन से रूसी बिजली कटौती को पूरा किया जा सकता है। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने साफ कर दिया है कि फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के फैसले को रूस एक ‘खतरे’ के रूप में देखता है।