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सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता आजम खां को बड़ी राहत

सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता आजम खां को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से मिली सशर्त जमानत को नियमित में बदलते हुए जौहर विवि परिसर में सील किए गए हिस्से को खोलने के आदेश दिए हैं। इस पर आजम खां ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट इतिहास रच रहा है। सुप्रीम कोर्ट को अहसास हो गया है कि मुझे व मेरे परिवार और मेरे लोगों को कितना सताया गया है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूर्व मंत्री आजम खां ने कहा कि मालिक ने बड़े अहसान किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने तो वो किया है जो, शायद इतिहास रचने जैसा है। सुप्रीम कोर्ट इतिहास रच रहा है। सुप्रीम कोर्ट के सील किए गए हिस्से को खोलने के आदेश के बाद अगला कदम क्या होगा? इस सवाल पर आजम खां ने कहा कि अभी हमारे पास जजमेंट की कॉपी नहीं आई है। पहले जजमेंट की कॉपी अपलोड हो जाए, जैसे ही आदेश की कॉपी आएगी उसे जौहर विवि प्रशासन की तरफ से स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराएंगे फिर देखते हैं क्या होगा।

क्रॉस वोटिंग करने वालों पर पूछे गए सवाल पर बोले हमने तो अपना वोट किया बस। हमारी जानकारी में नहीं किसने क्या किया। हम तो सिर्फ अपना वोट डालकर लौट आए। हम तो छोटे से वर्कर हैं और कोई बड़े नेता नहीं हैं। गए और वोट डालकर आ गए। हमारी तारीखें लगी हुईं हैं। तंज कसते हुए कहा कि हम तो मदारी के बंदर की तरह नाचते फिर रहे हैं। शराब की दुकान लूटने वाले गुंडे, बदमाश और डकैत हैं। अब हम अपने मुकदमे देखें या ये देखें कि किसने वोट दिया या नहीं। सपा नेता आजम खां के बेटे एवं स्वार विधायक अब्दुल्ला आजम ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुक्रवार को एक ट्वीट किया। जिसमें लिखा कि फिर सुप्रीम कोर्ट जिंदाबाद। वहीं इसके साथ ही अब्दुल्ला आजम ने अपने ट्वीटर हैंडल पर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी जीत की बधाई दी है।सपा नेता आजम खां ने लखनऊ के लुलु मॉल प्रकरण पर कहा कि मैं तो मॉल जाता ही नहीं और जानता भी नहीं कि मॉल क्या होता है? अब लुलु का पता ही नहीं क्या है, जब मैं किसी लुलु को जानता ही नहीं तो राय क्या दूं। मैं खुद इतना परेशान और व्यस्त रहा कि टीवी भी नहीं देखा। मुझे लुलु की समस्या ही नहीं पता क्या है, जब मुझे कुछ नहीं पता तो राय क्या दूं?