सिरसा,(सतीश बांसल)
उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा के तहत सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया हैं। उन्होंने बताया कि सीडीएलयू सिरसा में व्यवहारिक कक्षाओं को बंद कर दिया गया है लेकिन विद्यार्थी होस्टल में रह सकते हैं, बशर्तें उन्हें कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार मानदंड और सामाजिक दूरी की दृढता से पालना करनी होगी।
उन्होंने पुलिस विभाग, एसडीएम/इंसिडेंट कमांडर सिरसा व रजिस्ट्रार सीडीएलयू को आदेशों की दृढता से पालना के निर्देश दिए। आदेशों की उल्लंघना करने वाले व्यक्ति के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 व आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
कोविड नियमों की दृढता से पालना सुनिश्चित करने के लिए जिलाभर में 29 अधिकारी कर रहे हैं निगरानी
सिरसा, 04 जनवरी।।( सतीश बांसल)
जिला में कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार की गंभीरता से पालना को लेकर प्रशासन द्वारा आमजन को जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा प्रतिदिन वैक्सीनेशन कैंपों के माध्यम से भी अधिक से अधिक लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की डोज भी दी जा रही है। नियमों की कड़ाई से पालना करने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा जिलाभर में 29 अधिकारियों की ड्यूटियां लगाई गई है, ये अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में प्रतिदिन मॉनेटरिंग कर रहे हैं और नियमों की पालना न करने वाले व्यक्तियों के चालान भी किए जा रहे हैं।
उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि सिरसा शहरी क्षेत्र में 10, डबवाली में पांच, ऐलनाबाद में नौ व कालांवाली में पांच अधिकारियों की ड्यूटियां लगाई गई है। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे पूरी गंभीरता से कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करें और स्वयं भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें। जिन व्यक्तियों ने अभी तक कोविड-19 वैक्सीन की डोज नहीं ली है वे तुरंत अपने नजदीकी वैक्सीनेशन सैंटर पर पहुंच कर वैक्सीन लगवाएं। उन्होंने बताया कि जिला में 15 से 18 वर्ष आयु के बच्चों को भी वैक्सीन लगाई जा रही है, इसलिए नागरिक जागरूकता का परिचय देते हुए अपने बच्चों का भी वैक्सीनेशन करवा सकते हैं।
कोविड अनुकूल व्यवहार का उल्लंघन करने वालों तथा मास्क नहीं पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पालन नहीं करने वालों पर 500 रुपए जुर्माना किया जाएगा। संस्थान यदि इन नियमों की अवहेलना करता है तो उस पर 5000 रुपए जुर्माना होगा। आदेशों की उल्लंघना करने वाले व्यक्ति के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 व आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।