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अयोध्या में रामकोट की सुरक्षा-व्यवस्था सबसे अधिक चाक-चौबंद, वाहनों के प्रवेश पर रोक

अयोध्या। चौदह कोसी परिक्रमा और अयोध्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट के सम्भावित फैसले को लेकर रामनगरी की सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। रामकोट मुहल्ले की सुरक्षा-व्यवस्था को सबसे अधिक चाक-चौबंद किया गया है। किसी भी मार्ग से रामकोट में एंट्री करने पर वाहनों पर रोक लगा दी है। सिर्फ वही वाहन जा रहे है, जिस पर जिला प्रशासन का पास लगा हुआ है। इतना ही नहीं पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं के सामानों की तलाशी ली जा रही है। यलो जोन के श्रृंगारहाट, हरिद्वारी बाजार, टेढ़ी बाजार, उन्वल मंदिर, गोकुल भवन के बैरियर पहले से ही गिरा दिये गये हैं।

मंगलवार से अयोध्या में चौदह कोसी परिक्रमा शुरू होगी। इसके बाद पांच कोसी परिक्रमा और पूर्णिमा स्नान लाखों की भीड़ रहेगी। मेले की व्यवस्था के लिए अर्धसैनिक बल के साथ पीएसी और पुलिस कर्मियों को लगाया गया है। अपर पुलिस अधीक्षक, सीओ, निरीक्षक, सब निरीक्षकों की तैनाती की गई है।

एसएसपी आशीष तिवारी ने बताया कि होटल लाज, धर्मशाला संचालकों के साथ बैठक की। सभी लोगों से सामंजस्य स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने रामकोट मुहल्ले के व्यवस्था के सन्दर्भ में बताया कि यलोजोन में सभी चेक प्वाइंट पर पहले से कैमरे लगाए गए हैं। बिना पास के वाहनों की एंट्री एतिहात के तौर पर बंद कर दिया गया है। एंट्री करने वाले लोगों के सामानों की तलाशी भी ली जा रही है। होटल धर्मशाला संचालकों को विशेष हिदायत दी गई है। सभी लोग प्रतिष्ठान में आने वाले प्रत्येक आगुन्तक की आईडी जरूर चेक करें व इसकी एक कॉपी अपने पास रखें तथा सत्यापान भी करें। किसी संदिग्ध व्यक्ति या आगुन्तकां की कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई देने पर तत्काल पुलिस और पुलिस विभाग के वाट्सएप्प पर सूचित करें।

प्रतिष्ठान में किसी भी अजनबी बाहरी व्यक्ति को बिना आईडी के प्रतिष्ठान में ठहरने की अनुमति नहीं दी जाए और आगंतुकों के ठहरने के कारण आगन्तुक रजिस्टर में दर्ज किया जाए। उन्होंने होटल संचालकों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी अपने प्रतिष्ठानों के अन्दर व बाहर सीसीटीवी कैमरा अवश्य लगवायें और गार्ड की तैनाती रखें। प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों के चरित्र का सत्यापन कराया जाए तथा अंशकालिक सेवायोजित कर्मियों का भी सत्यापन कराया जाय और उनकी गतिविधियों पर सतर्क दृष्टि रखी जाय। पुलिस महकमे से समन्वय स्थापित किया जाए व पुलिस प्रशासन के नंबर प्रतिष्ठान पर लिखवाए तथा किसी घटना की खबर तत्काल ब्योरा व हुलिया के साथ पुलिस को दी जाए।