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नमस्‍कार के पीछे है वैज्ञानिक रहस्य, क्या आप जानते है ?

नमस्कार करते वक़्त क्या नहीं करना चाहिए

namaskar

पहले ज़माने में नमस्कार करते वक़्त पैर में चप्पल नहीं पहनी जाती थी. चाहे वो नमस्कार भगवान को हो या लोगों को किया नमस्ते हो. लेकिन अब ऐसी शूज़ और सैंडल के हम आदि हो गए है कि उनको निकालने और पहनने में काफी वक़्त चला जाता है. इस लिए नमस्कार करते वक़्त सभी लोग जुते उतारना भूलने लगे है.

किंतु भगवान को नमस्कार करते वक़्त आपको जुते नहीं पहनना  चाहिए. पैर में जुते  और चप्पल हो तो नमस्कार करने पर  मिलने वाली वो चेतना और सही शक्ति नहीं मिल पाती है.

हिंदू परंपराओं के पीछे छुपा हुआ है ये विज्ञान. नमस्कार शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के नमस  शब्द से हुई है, जिसका अर्थ होता है एक आत्मा का दूसरी आत्मा से आभार प्रकट करना. नमस्‍कार करने का स्‍टाइल भले ही थोड़ा पुराना हो गया हो, लेकिन सही तरीके से और पुरे भाव अर्थ से शायद ही नमस्कार का कोई आज प्रयोग करता होगा.