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साहेब! रबर बहुत छोटा है और नेहरू का नाम और काम बहुत बड़ा, कैसे मिटेगा?

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प्रदीप द्विवेदी. देश में बदलाव की राजनीति के नाम पर जो बदले की राजनीति जारी है, वह बेहद शर्मनाक है?

लेकिन, देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नाम मिटाने के जो बौने प्रयास किए जा रहे हैं, वे बेमतलब हैं, क्योंकि रबर बहुत छोटा है और नेहरू का नाम और काम बहुत बड़ा है, कैसे मिटेगा?

खबर है कि…. आईसीएचआर- भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद की ओर से जारी- आजादी का अमृत महोत्सव, के पोस्टर पर विवाद खड़ा हो गया है. इस पोस्टर पर नेहरू की तस्वीर न होने को लेकर लगातार बड़ी आपत्तियां दर्ज करवाई जा रही हैं.

वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा @abhisar_sharma ने ट्वीट किया- नेहरू का नाम हटा दिया? ये काम सिर्फ एक छोटे दिल की, असुरक्षित सरकार कर सकती है, शर्म कीजिये!

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेेड़ा ने व्यंग्यबाण चलाया- नेहरू जी की फोटो हटाने से क्या खुद का कद बढ़ जाएगा? बौना, बौना ही रहेगा!

प्रसिद्ध लेखक-निर्देशक विनोद कापड़ी @vinodkapri ने निशाना साधा…. अपमान 9 साल तक जेल में रहने वाले नेहरू का नहीं हुआ है, अपमान तो आजादी के असली सेनानियों का हुआ है.

वैसे बापू की हत्या करने वाले परम आदरणीय गोडसे जी को क्यों भूल गए, मोदीजी? आपकी सांसद ने सिफारिश तो की होगी पोस्टर में रखने के लिए!

कांग्रेस नेता शशि थरूर @ShashiTharoor ने आईसीएचआर की वेबसाइट का एक स्क्रीन शॉट शेयर किया जिसमें एक पोस्टर पर महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, बीआर आंबेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, राजेंद्र प्रसाद, मदन मोहन मालवीय और वीर सावरकर की तस्वीरें हैं, लेकिन इस पोस्टर में नेहरू की तस्वीर नहीं है.

उन्होंने ट्वीट किया- ये सिर्फ निंदनीय नहीं, बल्कि इतिहास के खिलाफ भी है कि आजादी का जश्न भारतीय आजादी की महत्वपूर्ण आवाज रहे जवाहरलाल नेहरू को हटाकर मनाया जाए. एक बार फिर, आईसीएचआर ने खुद का नाम खराब किया है. ये एक आदत बनती जा रही है!

तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले @SaketGokhale ने लिखा- नरेंद्र मोदी को पता है कि वो कोई विरासत छोड़कर नहीं जाएंगे. इतिहास उन्हें एक कमजोर, अहंकारी व्यक्ति की तरह याद रखेगा, जिन्होंने अपने फायदे के लिए देश को बेचने और बर्बाद करने की कोशिश की. नेहरू और मौलाना आजाद को मिटाने के लिए मोदी बहुत छोटे हैं!

सियासी सयानों का कहना है कि नेहरू ने तो इतने काम किए हैं कि उनका नाम मिटाना आसान नहीं है और विश्व के इतिहास में जो दर्ज है, उसे बदलना तो किसी के लिए भी संभव नहीं है, इसी तरह इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, अटल बिहारी वाजपेयी, राजीव गांधी जैसे महान प्रधानमंत्रियों ने देश को बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, परन्तु मोदीजी ने तो अब तक कोई ऐसा काम नहीं किया है कि उनके प्रधानमंत्री नहीं रहेने के बाद याद रखा जाएगा?

Source : palpalindia
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नेहरू की नकल करके कोई जवाहरलाल नहीं हो जाता!

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