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क्या ऐसे बनेगा कैशलेस इंडिया, 70 फीसदी एटीएम में NO CASH…

जहाँ एक तरफ लगातार बीजेपी सरकार इंडिया को कैशलेस बनाना चाहतें हैं वही दूसरी तरफ राजधानी के लोग इन दिनों लगातर कैश किल्लत की समस्या से जूझ रहे हैं। करीब 70 फीसद एटीएम में नो कैश का बोर्ड लटक रहा है। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भी परेशानी का सबब बना हुआ है। एटीएम में कभी दो हजार तो कभी 500 के नोट की किल्लत रहती है।

आलम यह है कि शहर के अधिकतर एटीएम में एक बार में 2 हजार या 500 के नोट साथ नहीं रहते हैं। कई एटीएम में तो सिर्फ 100-100 के नोट मिलते हैं। पिछले कुछ महीनों से यह समस्या है।

यह समस्या दो कारणों से है। एक आरबीआइ की ओर से झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है दूसरा बाजार के पैसे बैंकों में वापस नहीं आ रहा है। दोनों समस्याएं गंभीर हैं। इससे आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

 करेंसी चेस्ट को नहीं मिल रहा कैश 

झारखंड के बैंकों के करेंसी चेस्ट को तय राशि नहीं मिल रही है। करेंसी चेस्ट लगातार खाली रह रहा है। एटीएम ड्राई हैं। बैंकों के पास एटीएम में डालने के लिए पैसे तक नहीं हैं। एसबीआइ के आंकड़ों की मानें तो सबसे अधिकबुरी स्थिति रांची और जमशेदपुर में है। एसबीआइ को दोनों स्थानों के लिए कम से कम रोजाना 12 करोड़ रुपये की जरूरत है।

आरबीआइ की ओर से नोटों की सप्लाई महीने में दो से तीन बार ही की जा रही है। वह भी पूरे पैसे नहीं मिलते हैं। फिलहाल एटीएम में जो भी नोट डाले जा रहे हैं वह ग्राहकों की ओर से जमा किए जाने वाले पैसे हैं। दिए जाते हैं 500 करोड़, नहीं मिला एक लाख भी  सामान्य तौर पर राजधानी रांची के करेंसी चेस्ट को आरबीआइ की ओर से एक हजार करोड़ रुपये हर 10 वें दिन दिया जाता है।

पिछले एक माह से स्थिति खराब है। पिछले 10 दिनों से एक रुपये भी नहीं मिला है। समस्या का हल कब होगा यह न बैंक बताने की स्थिति में है और न ही आरबीआइ रांची के पास इसकी कोई जानकारी है। करेंसी की सप्लाई मुंबई से ही पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है। अधिकांश बैंक एटीएम में करेंसी लोड करने की बजाए बैंक में आने वाले अपने खाताधारकों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

भीड़भाड़ वाले इलाके में अधिक समस्या 

सबसे अधिक समस्या एसबीआइ के एटीएम के साथ है। मेन रोड से लेकर कोकर तक के 30 से भी अधिक एटीएम मशीनों में आम दिन भी पैसे नहीं रहते हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति बैंक ऑफ इंडिया, के नरा बैंक समेत कुछ निजी बैंकों के एटीएम की भी देखने को मिल रही है। एसबीआइ के दावे भी राजधानी में लगातार फेल हो रहे है।