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राष्ट्रपति पद का कार्यकाल खत्म होते ही रामनाथ कोविंद चर्चा में

राष्ट्रपति पद का कार्यकाल खत्म होते ही रामनाथ कोविंद चर्चा में आ गए हैं। एक के बाद एक उन पर सियासी निशाना साधा जा रहा है। विपक्षी दल के नेता लगातार हमलावर हो रहे हैं। पहले महबूबा मुफ्ती, फिर अखिलेश यादव ने उनके खिलाफ जमकर बयानबाजी की। देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति रहे रामनाथ कोविंद को लेकर सियासी पारा हाई है। विपक्ष के वार पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया। कोविंद का बचाव करते हुए भाजपा नेताओं ने यहां तक कह दिया कि विपक्ष को एक दलित का राष्ट्रपति पद तक पहुंचना नागवार गुजरा। इसलिए उनके पद से हटते ही ये लोग उनपर निशाना साध रहे हैं। पीडीपी की प्रमुख और जन्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर सवाल उठाए। उन्होंने ट्वीट किया। लिखा, ‘निवर्तमान राष्ट्रपति (कोविंद) ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जहां संविधान को अनेक बार कुचला गया। चाहे वह अनुच्छेद 370, नागरिकता कानून, अल्पसंख्यकों या दलितों को निशाना बनाना हो। उन्होंने संविधान के नाम पर भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को पूरा किया।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, ‘राष्ट्रपति जो अब रिटायर हो रहे हैं, वो बिल्कुल पड़ोस के हैं। उनके रहते-रहते उनके समाज और उनके तबके के लोगों में बहुत कुछ बदलाव नहीं दिखाई देता है। लोगों को इस बात का गर्व हो सकता है कि उनके समाज का उन्हें राष्ट्रपति मिला। ये गर्व है। ये खुशी है। लेकिन सवाल ये है क्या राष्ट्रपति बनने से उनके समाज का कुछ उत्थान हुआ है? राष्ट्रपति रिटायर हो रहे हैं। अच्छा है