रेलगाडियों में परिवार के साथ सफर करने वाले लाखों मुसाफिरों के लिए एक अच्छी खबर है। अब वे अपने छोटे बच्चों (5 साल से 12 साल तक) के साथ आसानी से सफर कर सकेंगे। भले ही उन्होंने अपना टिकट एडवांस में 3 महीने पहले ही क्यों न बुक कराया हो।
रेल मंत्रालय ने बच्चों को साथ लेने की व्यवस्था में बदलाव करते हुए यात्रियों को बड़ी राहत दी है। मसलन पहले से बुक टिकट में यात्री सफर के दौरान अपने बच्चों का नाम जुड़वा सकेंगे। हालांकि बच्चों को ट्रेन में बर्थ अथवा सीट नहीं मिलेगी। शताब्दी में यह नियम लागू नहीं होगा। इसके पूर्व यह संभव नहीं था।
बच्चों का नाम जुड़वाने के लिए एडवांस में खरीदा गया टिकट रद करा नया टिकट खरीदना पड़ता था। कनफर्म टिकट रद कराते ही यात्री बर्थ सीट चली जाती है और उनके हाथ वेटिंग टिकट लगता है। लेकिन एडवांस टिकट बुकिंग के नियम में बदलाव से यात्रियों को अब वेटिंग टिकट पर सफर नहीं करना पड़ेगा।
जानकारी के मुताबिक तीन-चार माह पहले एडवांस टिकट बुकिंग में यात्रियों को कनफर्म टिकट मिल जाती है। लेकिन, बच्चों को उक्त कनफर्म टिकट में शामिल कराने की सुविधा नहीं थी। ऐसा करने पर यात्री को अपना कनफर्म टिकट रद करा नया टिकट बुक कराना पड़ता था।
इसमें पीएनआर पैसेंजर नेम रिकार्ड बदलते ही कनफर्म सीट बदल जाती है। साथ ही ट्रेनों में भारी भीड़ के चलते उक्त यात्री को वेटिंग टिकट ही हाथ लगती है। अब बदले नियम के अनुसार बीच में बच्चों को जोडऩे पर ट्रेन में सीट नहीं मिलेगी।