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राफेल सौदे से भारत और फ्रांस के रिश्ते होंगे मजबूत : राजनाथ सिंह

 

 

पेरिस। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस निर्मित पहला राफेल युद्धक विमान मंगलवार को आधिकारिक रूप से ग्रहण किया। इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल सौदे से भारत और फ्रांस के रिश्ते और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि इंडो-फ्रेंच के द्विपक्षीय रक्षा समझौतों के मसले में आज का दिन काफी अहम है।

विजयादशमी के पर्व पर फ्रांस के दक्षिण-पश्चिम शहर बाडो के पास मेरिगनाक स्थित विमान निर्माता कम्पनी दसॉल्ट के संयंत्र में एक समारोह में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को यह विमान सौंपा गया। राजनाथ ने विजयादशमी पर्व के अनुष्ठान के रूप में युद्धक विमान का शस्त्र पूजन भी किया। इसके बाद रक्षामंत्री ने विमान में पीछे की सीट पर बैठकर उड़ान भी भरी। वह करीब आधे घंटे तक विमान में उड़े। विमान का संचालन फिलेपे डुचेटो ने किया।

रक्षामंत्री ने विमान प्राप्ती के बाद कहा कि राफेल वायु क्षेत्र में भारत की ताकत को तेजी से बढ़ाएगा। सिंह ने इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की और कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य भारत और फ्रांस के बीच ‘रणनीतिक साझेदारी’ को बढ़ाना है। उन्होंने फ्रांस के आर्म्ड फोर्स मंत्री फ्लोरेंस पार्ले की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम में राफेल विमान को ग्रहण किया। इस अवसर पर फ्रांस के शीर्ष सैन्य नेतृत्व, निर्माता कंपनी दसॉल्ट एविएशन के अधिकारी और भारतीय अधिकारी मौजूद रहे।

एयर चीफ मार्शल राकेश भदोरिया ने इस रक्षा सौदे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके नाम के पहले अक्षर का उपयोग कर विमान की संख्या अंकित की गई है। आज भारत को आरबी-001 विमान सौंपा गया। आज ही के दिन भारतीय वायु सेना का स्थापना दिवस भी है। सिंह फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर सोमवार को यहां पहुंचे थे। उन्होंने कहा था कि इससे दोनों देशों के बीच सामरिक भागीदारी अधिक मजबूत होगी।

उल्लेखनीय है कि भारत ने 2016 में 59,000 करोड़ रुपये में फ्रांस सरकार से 36 लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा किया था, जिसके तहत पहली खेल के रूप में भारत को चार विमान मिलने हैं। आज सौंपे गए युद्धक विमान के अलावा तीन अन्य विमान भी पूरी तरह तैयार हैं, जो मई 2020 तक भारत पहुंचेंगे। साथ ही भारतीय पायलटों और वायुसेना के अफसरों को फ्रांस में जरूरी ट्रेनिंग भी दी जाएगी। सभी 36 लड़ाकू विमानों के सितम्बर 2022 तक भारत पहुंचने की उम्मीद है।