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PWD के 21 इंजीनियरों को जबरन रिटायर करेगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लोक निर्माण विभाग (PWD) में तैनात 21 इंजीनियरों को जबरन रिटायर करने जा रही है. ये कामचोरी और भ्रष्टाचार के चलते ये इंजीनियर योगी सरकार के निशाने पर आए थे. PWD विभाग में करीब 50 इंजीनियरों की लिस्ट बनाई थी, जिसमें से 21 इंजीनियरों को चिन्हित किया गया है.

योगी सरकार के निशाने पर आए ये सभी इंजीनियरों की उम्र 50 साल है और इनकी सर्विस डायरी में कई बार प्रतिकूल प्रविष्टि भी की गई है. इनमें से कई इंजीनियरों के इंक्रीमेंट भी रोके गए हैं. इनके ऊपर विभाग में लापरवाही बरतने और कामचोरी के आरोप थे.

इन इंजीनियरों के खिलाफ ये फैसला पिछले 10 साल की गुप्त जांच के आधार पर किया जा रहा है. रिटायर किए जाने से पहले इन सभी इंजीनियरों को एक आखिरी नोटिस दिया जाएगा. इसके जरिए इंजीनियरों से सफाई मांगी जाएगी,  उसके बाद सेवानिवृत्त किया जाएगा.

योगी सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि जिन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और काम में लापरवाही के मामले होंगे उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा. सरकार ऐसी कार्यवाई सिर्फ लोकनिर्माण विभाग में ही नहीं बल्कि सभी विभागों में की जाएगी. शुरुआत PWD विभाग से की जा रही है.
योगी सरकार जिन लोगों को नौकरी से रिटायर करने का फैसला किया उनमें औरैया से मदन मोहन शर्मा और  रामनरेश, लखनऊ मुख्यालय से जितेंद्र कुमार, प्रदीप कुमार और बलिराम सोनकर. संतकबीर नगर से कंचन कुमार जायसवाल, धर्मपाल सिंह, नोएडा से अजय गौतम, गोरखपुर से सुनील, बरेली से हरि सिंह रावत और फिरोजाबाद से बाल कुमार शर्मा शामिल हैं. इसके अलाव नोएडा से वृंदावनलाल, बस्ती से विद्यासागर सिंह, बदायूं से जमाल अहमद खान, फतेहपुर से विमल कुमार श्रीवास्तव, मेरठ से इरशाद अली, महाराजगंज से जयप्रकाश नारायण पांडे, शामली से संसार सिंह रघुवंशी, बाराबंकी से आनंद तिवारी, इसके अलावा अंजनी कुमार मिश्रा राघवेंद्र पाल सिंह जो कि अभी निलंबित हैं और मुख्यालय से संबंधित हैं.