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धर्म का प्रचार-प्रसार केवल संतों की जिम्मेवारी नहीं है, हम गृहस्थ लोग भी इसके लिए प्रयास करें- जिला कारागार अधीक्षक सतविन्द्र गोदारा

सिरसा 8 सितम्बर ( सतीश बंसल )  – बिश्नोई सभा सिरसा के 48वें स्थापना दिवस पर बिश्नोई आश्रम, हरिद्वार
से पधारे श्रद्धेय स्वामी राजेन्द्रानन्द महाराज के पावन सान्निध्य में आयोजित जाम्भाणी हरिकथा प्रवचन में
मुख्य अतिथि के रूप में जिला कारागार अधीक्षक सतविन्द्र गोदारा ने शिरकत की तथा सभा के प्रधान खेमचन्द
बैनीवाल, सचिव ओ.पी. बिश्नोई व देशकमल बिश्नोई ने बतौर विशिष्ट अतिथि ज्योति प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम
का शुभारम्भ किया। इसके उपरान्त कथा व प्रवचन का शुभारम्भ स्वामी राजेन्द्रानन्द जी महाराज के मुखारविन्द
से उच्चारित आध्यात्मिक शब्दों व मंत्रों से हुआ। स्वामी जी ने शब्दवाणी, गीता व अन्य धार्मिक ग्रंथों से
सम्बन्धित धर्म उपदेशों का वर्णन करते हुए कहा कि महाभारत गाथा से ज्यादातर लोग गलत संदेश ले लेते हैं
जबकि इस ग्रंथ से हमें कितनी ही शिक्षाएं मिलती हैं, गीता भी इसी गाथा की अनुपम देन है। मुख्य अतिथि
सतविन्द्र गोदारा ने अपने सम्बोधन में कहा कि धर्म का प्रचार-प्रसार केवल संतों की जिम्मेवारी नहीं है, हम गृहस्थ
लोग भी इसके लिए प्रयास करें।

नशे व अन्य सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए मुहिम चलाएं। माता-पिता,
अभिभावकगण अपने बच्चों को संस्कारवान बनाने में अपना योगदान अवश्य दें। इससे पूर्व गोदारा दम्पत्ति का
मन्दिर परिसर पहुंचने पर लॉर्ड शिवा संस्थान की छात्राओं ने तिलक लगाकर व स्वागत गीत द्वारा उन्हें
सम्मानित किया गया। अंत में सभा द्वारा उन्हें स्मृति चिन्ह देकर उनका आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर
पर बिश्नोई सभा सिरसा के उपाध्यक्ष कृष्णपाल बैनीवाल, ओमप्रकाश पूनियां, कोषाध्यक्ष राजकुमार बैनीवाल,
सहसचिव भूप सिंह कस्वां, जगतपाल कड़वासरा, सेवक दल के प्रधान कृष्ण कुमार सीगड़, सचिव अजय धायल,
महासभा के जिला प्रधान रिछपाल बैनीवाल, कार्यकारिणी सदस्य कृष्ण लाल बैनीवाल, हनुमान गोदारा, सुशील
बैनीवाल सहित सिरसा शहर व आस-पास के गांवों व ढाणियों से पहुंचे अनेक महिलाएं, पुरूष व बच्चे उपस्थित थे।
कथा का समापन आरती व प्रसाद वितरण से हुआ।