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प्रियंका वाड्रा ने नवोदय विद्यालय में छात्रा की मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र

लखनऊ। कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने मैनपुरी के जवाहर नवोदय विद्यालय के हॉस्टल में बीती 16 सितम्बर को छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। इसमें मुख्यमंत्री से तुरन्त व निष्पक्ष कार्रवाई का अनुरोध किया गया है।

प्रियंका वाड्रा ने मुख्यमंत्री का ध्यान मामले की ओर आकर्षित करते हुए लिखा है कि ये घटना दिल दहला देने वाली है। प्रदेश की तमाम शैक्षणिक संस्थाओं में पढ़ रही छात्राओं की सुरक्षा के लिहाज से और इस घटना में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर ध्यान देना जरूरी है।

प्रियंका वाड्रा ने पत्र में कहा है कि सुभाष पाण्डेय की पुत्री छात्रावास में संदिग्ध स्थिति में मृत अवस्था में पायई गई। पंचनामे में उसके शरीर पर चोट के निशान पाए गए, लेकिन पोस्टर्माटम रिपोर्ट में किसी प्रकार की चोट की आशंका नहीं जताई गई। मृतक छात्रा के परिजनों ने हत्या के आरोप लगए थे। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि माता-पिता की गैरमौजूदगी में एकदम गैरकानूनी तरीके से लड़की के शव का जलप्रवाह प्रशासन द्वारा कर दिया गया। मृतक छात्रा के परिवार ने लगातार इस घटना को लेकर सवाल उठाये हैं और कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की अपील की है। उनको ये जानने का हक है कि उनकी बेटी के साथ क्या घटना घटी? इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं? क्या प्रशासन किसी को बचाने का प्रयास कर रहा है? इस घटना में एक निष्पक्ष जांच से जुड़े सारे पहलू हैं, जिन्हें सामने लाना अत्यंत आवश्यक है और परिवार को संतुष्ट करने के लिए जरूरी भी है।

उन्होंने कहा कि इस घटना को हुए दो महीने से ज्यादा बीत चुके हैं और प्रकरण में नामजद एफआईआर भी दर्ज की गई है, लेकिन हैरानी की बात है कि न तो अभी तक इसकी कोई जांच हुई है और न ही किसी तरह का कोई एक्शन लिया गया है।

प्रियंका वाड्रा ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि सुभाष पाण्डेय के परिवार को न्याय दिलाने और इस घटना से जुड़ी सच्चाई को सामने लाने के लिए इस मामले में तुरन्त व निष्पक्ष कार्रवाई की जाए। मामले को संज्ञान में लेकर मुख्यमंत्री तुरंत कार्रवाई का आदेश दें और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाएं। उत्तर प्रदेश की तमाम बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा के लिए इस मामले में कार्रवाई होना बेहद जरूरी है।

गौरतलब है कि मैनपुरी के भोगांव स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के हॉस्टल में 16 सितम्बर को तड़के कक्षा 11 की छात्रा की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। विद्यालय प्रशासन फांसी लगाकर खुदकुशी की बात कही।
मामला जवाहर नवोदय विद्यालय से जुड़ा होने के कारण जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अफसर मौके पर पहुंचे और फोरेंसिक टीम ने जांच पड़ताल की। साथी छात्राओं व कॉलेज स्टॉफ के बयान भी दर्ज किए। छात्रा के बक्से से पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला। हालांकि परिजनों ने छात्रा की हत्या का आरोप लगाया। उनका कहना था कि छात्रा के शरीर पर जगह-जगह नीले रंग के निशान हैं। साथ ही चेहरे पर नाखून लगे हुए हैं। कहीं न कहीं छात्रा की मारपीट करते हुए हत्या की गई है।

परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि विद्यालय प्रशासन ने उन्हें बेटी की मौत की सूचना नहीं दी। उनके रिश्तेदार अपनी पत्नी को दवा दिलाने इमरजेंसी में आए थे। यहां उन्होंने बेटी का शव देखा तब उन्हें जानकारी हुई।

परिजनों ने पोस्टर्माटम रिपोर्ट को लेकर सवाल उठाये थे कि आत्महत्या के मामलों में फंदे का निशान पीछे की तरफ नहीं आता है, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा की गर्दन पर चारों और निशान होने का जिक्र किया गया है। इसी तरह छात्रा की कंठिका में फ्रैक्चर नहीं है, जबकि आत्महत्या के मामलों में इस हड्डी में फ्रैक्चर होता है।

परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए प्रधानाचार्य, वार्डन, एक छात्र व एक अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 23 सितम्बर से छात्रा के परिजन अनशन पर बैठे थे। जिला प्रशासन द्वारा मामले की सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार को खत लिखने के बाद उन्होंने 25 सितम्बर को अपना अनशन समाप्त किया। इसके बाद मामले में सीबीआई जांच की संस्तुति प्रदेश सरकार की ओर से की गई। साथ ही एसटीएफ भी मामले की जांच कर रही है।