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PM इन नोएडा : मोदी के प्रस्थान के बाद देखने को मिला ये नजारा

प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को सुनने के लिए 30 हजार से ज्यादा लोग सभा स्थल पहुंचे थे। सभा की शुरुआत से दो घंटे पहले से ही सभा स्थल के चारो ओर का नजारा देखने को मिला। जेवर, दादरी, बुलंदशहर, सिकंदराबाद , ग्रेटर-नोएडा से दर्जनों बसें समर्थकों को लेकर पहुंची।

अव्यवस्था के चलते बस व वाहनों को नोएडा, ग्रेटर-नोएडा व एक्सप्रेस-वे की सर्विस लेन में खड़ा करवाया गया। अधिकांश बसें एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर पार्क की गई। इसकी वजह जनसभा के आसपास सुरक्षा का दायरा इतना ज्यादा था कि समर्थकों को से एक से डेढ़ किलोमीटर तक पैदल ही चलना पड़ा।

पानी से लेकर आसपास की सभी दुकानों को हटा दिया गया। बैरीकेटिंग पर भारी सुरक्षा की गई थी। लिहाजा जनसभा खत्म होने के साथ वाहन चालकों को भीषण जाम का सामना करना पड़ा।

कार्यक्रम के दौरान अधिकांश सड़कों को बंद कर दिया गया। यातयात को रोक दिया गया। भाषण खत्न होने के कुछ मिनट बाद सड़कों को खोल दिया गया। लेकिन बस व अन्य वाहनों के सड़कों पर खड़े होने से अव्यवस्था फैल गई। 

इन सड़कों पर लगा भीषण जाम

 -नोएडा, ग्रेटर-नोएडा व एक्सप्रेस-वे पर ग्रेटर-नोएडा से नोएडा की ओर जाम
-एमपी-02 पर जीआई मॉल से राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल 
-राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल से सेक्टर-18 अंडरपास
-महामाया फ्लाई ओवर से कालिंदी कुंज व कालिंदी कुंज से सेक्टर-३7 एमपी-३ सड़क 
-डीएससी रोड सेक्टर-३7 से सेक्टर-15 नयाबंस तक 

भाषण खत्म होने के बाद बांटा दुख 

 प्रधानमंत्री के भाषण के बाद जनसभा स्थल खाली होने लगा। समर्थक जहां से आए थे वह वापस जाने लगे। इस दौरान कुछ लोग हाथों में पीला पर्चा लेकर अपना दुख व्यक्त करते नजर आए।

यह पंपलेट बाबा बंगाली बस्ती जल कल्याण समिति सेक्टर-44 की ओर से बांटे जा रहे थे। जिसमें लिखा गया था, आज से 10 से 12 साल पहले सेक्टर-44 में 2200 झुग्गियां जल गई थी।

जिसमें झुग्गी वासियों ने कोर्ट में केस किया था। हाइकोर्ट ने भी अपना फैसला झुग्गी झोपड़ी वालों के पक्ष में सुनाया था। पेपर भी सीओ के पास जमा करा दिए थे। लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया। 

विरोध के साथ स्वच्छता अभियान की उड़ी धज्जियां
लोगों ने जनसभा के दौरान व कार्यक्रम के बाद एमिटी कैंपस के अंदर व सड़क के किनारों को शौचालय में तब्दील कर दिया। दरअसल, जिला प्रशासन की तरफ से यहां एक भी अस्थायी शौचालय का निर्माण नहीं किया था। जिसका नतीजा यहां देखने को मिला।