Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

26 नवंबर को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड अयोध्या में 5 एकड़ जमीन लेने पर फैसला करेगा

 

 

लखनऊ। अयोध्या भू​मि विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की 26 नवम्बर को होने वाली बैठक पर मुस्लिम पक्ष की निगाहें लगी हुई हैं। इस बैठक में ही तय होगा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक पांच एकड़ जमीन लें या फिर इससे इनकार कर दिया जाए।

बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारूकी ने रविवार को बताया कि इस सम्बन्ध में बैठक 26 नवम्बर को होने की सम्भावना है। यह बैठक पहले 13 नवम्बर को होनी थी लेकिन अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले के मद्देनजर इसे टाल दिया गया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को बाबरी मस्जिद के बदले में कोई वैकल्पिक जमीन नहीं लेनी चाहिए। वह उनके जज्बात की कद्र करते हैं, लेकिन मेरा निजी रूप से मानना है कि नकारात्मक बातों को सकारात्मक सोच के साथ ही खत्म किया जा सकता है।

फारुकी ने कहा कि इसी तरह एक राय ये भी दी जा रही है कि वक्फ बोर्ड वह जमीन ले ले और उस पर कोई शिक्षण संस्थान बना दे। उसी परिसर में एक मस्जिद की भी बनायी जा सकती है। इन्हीं बातों पर बैठक में अंतिम फैसला किया जाएगा। हालांकि अगर बोर्ड की बैठक में मस्जिद के लिए जमीन लेने पर फैसला होता है, तो उस जमीन के आसपास की जरूरतों के हिसाब से निर्माण संबंधी बात तय होगी।

इससे पहले अयोध्या भूमि विवाद पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने के बाद जफर फारूकी ने कहा था कि बोर्ड अयोध्या विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगा क्योंकि बोर्ड की ओर से फैसले का स्वागत किया गया है। उन्होंने कहा कि इस केस में सुन्नी वक्फ बोर्ड एक अहम पक्षकार है। इसलिए हम पहले से कह चुके थे कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा उसे दिल से माना जाएगा। इसलिए ऐसा करने का कोई मतलब नहीं है। बोर्ड का इस मुद्दे पर नजरिया साफ है। फारुकी ने कहा कि हमने कोर्ट से जमीन देने की मांग नहीं की थी। फिर भी कोर्ट ने इसका आदेश दिया है तो हम बोर्ड की बैठक में इस पर फैसला करेंगे।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने फैसले पर असंतुष्टि जताते हुए कहा था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पांच एकड़ जमीन को क़बूल करेगा या नहीं, मेरी निजी राय ये है कि हमें इस प्रस्ताव को खारिज करना चाहिए। हमें किसी की खैरात या भीख की जरूरत नहीं है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को सरकार को विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने और मुसलमानों को अयोध्या में ही किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन देने के निर्देश दिए।