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अब इस मुद्दे पर प्रदेश की योगी सरकार घेरेगी अखिलेश को

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुश्किले रुकने का नाम नहीं ले रही। खनन घोटाले के बाद उनके खिलाफ प्रदेश की योगी सरकार भी एक्शन में है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में 10 फरवरी 2013 को मौनी अमावस्या के अवसर पर इलाहाबाद जंक्शन पर हुई दुर्घटना की जांच के लिए बनाए गए एकल सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट को कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट 1952 की धारा 3 की उप धारा 4 के आधीन सदन के पटल पर रखा जाएगा। मंगलवार को यह निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया है।

मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में नौ प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है। यूपी सरकार के प्रवक्ता और मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम 2008 के अंतर्गत एथेनाल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री पर दोहरे कराधान को समाप्त करने पर सहमति दे दी गई। दरअसल, अभी तक प्रदेश में वैट अधिनियम के तहत एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री पर दोहरी कर व्यवस्था लागू थी। रिफाइनरी से पेट्रोल वितरण की जिम्मेदारी जिस एजेंसी को मिलती थी, वह पेट्रोल खरीदने वाली कंपनियों को पेट्रोल देते समय 14.41 रुपए टैक्स वसूल करती थी। पेट्रोल खरीदने वाली कंपनी यदि इस पेट्रोल में एथेनॉल मिलाती है तो उसे दोबारा इतना ही टैक्स देने की व्यवस्था थी। इससे एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का कारोबार नहीं हो पा रहा था। किसानों का एथेनॉल भी नहीं बिक पा रहा था।