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निर्भया के दादा बोले, 16 दिसम्बर को ही दरिंदों को होती फांसी तो मिलती तसल्ली

 

बलिया। सात साल पहले दिल्ली में गैंगरेप की शिकार निर्भया के परिजन चाहते हैं कि 16 दिसम्बर को ही गुनाहगारों के लिए फांसी दी जाय। गांव पर मौजूद निर्भया के दादा ने रविवार को कहा कि घटना वाले दिन फांसी दिए जाने से मन को तसल्ली मिलती।

उल्लेखनीय है कि 16 दिसम्बर 2012 की रात को जिले के मेड़वरा की रहने वाली निर्भया के साथ दिल्ली में दरिंदगी की घटना हुई थी। इस घटना ने देश ही नहीं पूरी दुनिया को झकझोर दिया था। 13 दिनों तक मौत से जूझने के बाद निर्भया ने दम तोड़ दिया था।

इस घटना की बरसी की पूर्व संध्या पर निर्भया के दादा लालजी सिंह ने कहा कि हमारी इच्छा तो यही थी कि उसके दरिंदों को 16 दिसम्बर को ही फंदे से लटकाया जाए। ताकि इस प्रकार की घटना को अंजाम देने वालों को कड़ा संदेश मिले। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कानूनी प्रक्रिया के कारण 16 दिसम्बर को निर्भया के गुनहगारों को फांसी पर लटकाया जाना मुमकिन नहीं दिखता।

निर्भया के दादा ने कहा कि घटना वाले दिन के बाद अब और अधिक विलम्ब न किया जाए। सारी कानूनी बाधाओं को शीघ्र पूरा कर जल्द से जल्द चारों दरिंदों को फांसी दी जाय। हमारी बच्ची के दरिंदों का एक-एक दिन सांस लेना हमें अच्छा नहीं लग रहा। यह कहते हुए निर्भया के दादा का गला रुंध जाता है।

पैतृक गांव में निर्भया को दी जाएगी पुष्पांजलि

निर्भया के साथ दरिंदगी वाले दिन साल मेड़वरा कला में पुष्पांजलि का कार्यक्रम रखा जाता है। निर्भया के दादा लालजी सिंह ने बताया कि सोमवार को दिन में 11 बजे निर्भया के लिए नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पुष्पांजलि का कार्यक्रम रखा गया है। जिसमे हम सभी ग्रामीण उसकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करेंगे।