नई दिल्ली। दिल्ली में साल 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को चार दोषियों में से एक दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज कर दी है।
पवन की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित थी। पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटिशन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर चुका है। राष्ट्रपति के पास याचिका लंबित होने के कारण कोर्ट ने निर्भया के दोषियों को तीन मार्च को होने वाली फांसी टाल दी थी।
क्या है मामला?
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में 23 वर्षीय निर्भया का गैंगरेप किया गया था। गैंगरेप के दौरान निर्भया के साथ हैवानों ने ऐसी दरिंदगी की थी कि पूरे देश में लोग आंदोलन करने पर उतर गए थे। इस मामले में एक किशोर सहित छह लोगों को आरोपी बनाया गाय था। एक दोषी राम सिंह ने मुकदमा शुरू होने के बाद तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। किशोर 3 साल सुधारगृह में गुजारने के बाद रिहा हो गया था।