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पूूर्व उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की अनूठी पहल यूटीएस सर्किट हेतु Phantom Circuit का प्रयोग

लखनऊ । मंडल रेल प्रबंधक श्रीमती विजयलक्ष्मी कौषिक के कुषल निर्देषन में वरिष्ठ मण्डल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर एस.डी.पाठक एवं टीम के द्वारा यूटीएस को विफलताओं से बचाने हेतु “फैण्टम सर्किट” का प्रयोग किया गया है। इस सर्किट के प्रयोग से यूटीएस एवं एफओआईएस आदि रेलवे डाटा सर्किट की लिंक विफलता के कारण होने वाली विफलताओं से बचने में मदद मिलेगी। यद्यपि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में ’’फैण्टम सर्किट’’ का विविध प्रयोजनों हेतु प्रयोग किया जाता रहा है परन्तु रेलवे के डाटा सर्किट पर चलाने में इस तकनीक का प्रयोग प्रथम बार किया जा रहा है।

लखनऊ मंडल के कुछ खंडों में अनेक स्टेशनो पर यूटीएस की विफलता के कारण पीसीटी प्रिण्टेड कार्ड टिकट बेचना पड़ता है तथा पीसीटी की सप्लाई कम होने के कारण स्टेशनों पर ऐसी नौबत आ जाती है कि टिकट देने की व्यवस्था नहीं होती है। इस कारण से यात्रियों में रोष उत्पन्न होता है व रेलवे के राजस्व की भी हानि होती है तथा इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि आंतरिक या बाह्य रूप से टिकटों की धोखा-धड़ी भी हो सकती है।

यूटीएस को लम्बी विफलताओं से बचाने हेतु सर्वप्रथम कौवापुर स्टेशन पर (जहाॅं पर यूटीएस डेढ़ महीने से खराब था) “फैण्टम सर्किट” की टेस्टिंग की गई। इसके उपरांत आनन्दनगर से बढ़नी स्टेशन तक सभी 8 स्टेषनों पर यूटीएस सर्किट इसी टेक्नोलाॅजी पर ट्रांसफर किये गये। गोण्डा-बहराइच खण्ड में भी इसका सफल परीक्षण किया गया।

“फैण्टम सर्किट” एक ऐसी सर्किट है जिसके माध्यम से एक ही केबिल पेयर पर 2 तरह की सूचनाएं जैसे वाॅयस फ्रीक्वेंसी तथा डाटा दोनों को एक साथ बिना एक दूसरे को प्रभावित किये भेजा जा सकता है। जैसे कि दो स्टेशनों के बीच रेलवे के क्वाड केबिल पर कंट्रोल कम्युनिकेशन तथा यूटीएस डाटा दोनों तरफ सेण्टर टैप ट्रांसफारमर लगाकर कंट्रोल या डाटा लाॅगर तथा यूटीएस को डाटा साथ-साथ भेजा और रिसीव किया जा सकता है। दोनों एंड पर वी-35 माॅडम का प्रयोग किया जाता है जो दोनों स्टेषनों पर पहले से ही लगा रहता है। इस सर्किट के द्वारा 18 किमी की दूरी तक स्थित दो स्टेषनों के यूटीएस और एफओआईएस सर्किट कनेक्ट हो सकते हैं।

इस तकनीक के प्रयेाग से सबसे क्रांतिकारी एवं लाभदायक स्थिति यह होगी कि यूटीएस सिस्टम विफल होने पर उनके थिन क्लाइंट कम्प्यूटर 72 घंटे तक कार्य करते हैं और इसके बाद पीसीटी प्रिण्टेड कार्ड टिकटद्ध बेचना पड़ता है। यदि 72 घंटे से पूर्व “फैण्टम टेक्नोलाॅजी” द्वारा परिपथ चालू कर दिया जाये तो यूटीएस सर्किट का थिन क्लाइंट लगातार कार्य करता रहेगा और पीसीटी प्रिण्टेड कार्ड टिकटद्ध बेचने की नौबत नहीं आयेगी। हमारे वाणिज्य विभाग के लिए यह अति लाभकारी होगा। इसका अत्यधिक महत्व इसलिए भी है कि इस टेक्नोलाॅजी की विष्वसनीयता सबसे ज्यादा होगी, चूंकि इस हेतु मीडियम के रूप में क्वाड केबल की आवश्यकता होती है जो कि रेलवे के प्रत्येक स्टेशन पर है तथा क्वाड केबल पर सिगनलिंग सर्किट चलते हैं। यदि किसी कारण से क्वाड केबल खराब होते हैं तो रेलवे स्टाफ द्वारा इसे तुरंत ठीक कर दिया जाता है। अतः यूटीएस सर्किट भी ’’फैण्टम टेक्नोलाॅजी ’’ पर होने पर ज्यादा देर तक विफल नहीं रहेंगे। एक 6 क्वाड केबल में 24 कोर होतें हैं और इन पर अलग-अलग सर्किट चलते हैं। “फैण्टम सर्किट” हेतु अलग से स्पेयर क्वाड कोर की आवश्यकता नहीं है। यह वर्तमान में जो क्वाड कोर प्रयोग में है उसी पर यूटीएस के डाटा को ट्रांसमिट कर देगा।

मंडल प्रशासन ने इसे सम्पूर्ण लखनऊ मंडल में व्यापक रूप से शुरू करने का निष्चय किया है। जिससे यूटीएस विफलताओं के कारण रेल यात्रियों को कोई असुविधा न हो तथा रेल राजस्व में कोई कमी न हो।