Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली से लड़ेंगे चुनाव राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी अध्यक्ष प्रताप चन्द्रा

राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी (आर आर पी) चुनाव संचालन समिति नें निर्णय किया कि दिल्ली विधानसभा में तमाम प्रत्याशियों के साथ ही पार्टी अध्यक्ष श्री प्रताप चन्द्रा नई दिल्ली विधानसभा से अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. दिल्ली ई-रिक्शा एसोसिएशन और हॉकर सुरक्षा फाउन्डेसन नें पार्टी को पूरा समर्थन दिया है.

गत कई वर्षों से पार्टी तीन सूत्रीय मांगों के लिए १- शहरी शिक्षित युवाओं को मनरेगा (महात्मा गाँधी ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट) के तर्ज पर शहरी रोजगार गारंटी लागू करके १२० दिन का रोजगार सुनिश्चित कराया जाये २ – बैट्री रिक्शा को चार्जिंग स्टैंड मुहैया कराया जाये ३ – रेहड़ी पटरी के लोगों को वेंडर एक्ट २०१४ के तहत वेंडिंग जोंन में कैनोपी दी जाने इ लिए गुहार लगाईं जा रही थी लेकिन दिल्ली सरकार नें अनसुना कर दिया. अब राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी (आर आर पी) दिल्ली की विभिन्न सीटों पर चुनाव लड़ेगी जिससे चुनाव जीतकर इन जनहित के मांगों को पूरा किया जा सके.

विदित हो कि राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी (आर आर पी) बिना चुनाव-चिन्ह के चुनाव लड़ती है जिससे प्रत्याशी जनता के प्रति जवाबदेह रहे और जनता के बीच रहने को बाध्य रहे क्यूंकि अब ईवीएम् पर प्रत्याशी की फोटो लगती है लिहाज़ा वोटर अपने प्रत्याशी को फोटो से पहचान कर वोट दे लेंगे, इसका प्रयोग लोकसभा चुनाव में पार्टी नें दिल्ली की चांदनी चौक सीट पर चुनाव लड़ा कर किया था जिसमें आर आर पी प्रत्याशी अनिल कुमार पांचवे स्थान पर आये जो उत्साह का विषय था.

राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी का संकल्प 

  • EVM मशीन पर लगी प्रत्याशी की फोटो ही उसका चुनाव-चिन्ह होगा जिससे जनता के प्रति जवाबदेह रहे न कि पार्टी के प्रति.
  • पार्टी व्हिप जारी नहीं करेगी जिससे कि जनता का जिताया प्रतिनिधि पार्टी का गुलाम न बन सके और जनहित में काम करे.
  • जनप्रतिनिधि चुने जाने के बाद सिर्फ १ पेंशन का ही हक़दार होगा (अभी जितनी बार प्रतिनिधि बनता है उतनें पेंशन पाता है)
  • प्रतिनिधि का चुनाव के समय घोषित संपत्ति एक जायज अनुपात से अधिक बढती है तो उसे राष्ट्र कि संपत्ति घोषित कर दी जाये.
  • चुने जाने के बाद जनप्रतिनिधि पार्टी का पधाधिकारी नहीं रहेगा और पार्टी हेतु प्रचार नहीं करेगा जिससे सिर्फ जनसेवक ही रहे और जनहित में काम करे |