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कुम्भ-2019:प्रयागराज जाएँ तो इन मंदिरों के दर्शन करना न भूलें

प्रयागराज|

अगर आप प्रयागराज के कुंभ मेले में है तो नागवासुकि और शंकर विमान मंडपम मंदिर जाना ना भूलें.नागवासुकि मंदिर प्रयागराज के अत्यंत प्राचीन और पौराणिक स्थलों में से एक है.

  • नागवासुकि मंदिर दारागंज मोहल्ले में स्थित है.यहां नागवासुकि की प्राचीन मूर्ति मध्य में प्रतिष्ठित है. उनके दोनों और नाग-नागिन के चार जोड़े काम दशा में उत्कीर्ण है.
  • मंदिर के पूर्वी द्वार पर दिल्ली में शंख बजाते हुए दो कीचक उत्कीर्ण है. जिनके बीच तो हाथियों के साथ कमल बना हुआ है. मंदिर के गर्भ ग्रह में फनधारी नाग नागिन की पुरानी मूर्ति है. मध्य में विघ्न विनाशक गणेश जी की प्रतिमा है.
  • शंकर विमान मंडपम – गंगा तट पर त्रिवेणी बांध में खंभे वाले मंदिर की चर्चा करते ही आज शंकर विमान मंडपम की आकृति आंखों के सामने उभरने लगती है .
  • कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य स्वामी चंद्रशेखर सरस्वती की देखरेख में निर्मित यह मंदिर प्रयागराज की गरिमा को और उन्नत करता है अभी तक अपने प्रकार का यह अकेला मंदिर है जिसमें दक्षिण भारत के मंदिरों की शैली में निर्मित सुंदर मूर्तियों के दर्शन होते हैं .
  • अगर विद्वता की बात की जाए तो विद्वता और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती का नाम कौन नहीं जानता होगा. ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम को अपने तपोबल से जागृत करने वाले शंकराचार्य ने प्रयाग के महत्व को समझते हुए यहां 1 मठ की स्थापना का संकल्प लिया. उन्होंने देखा कि अलोप शंकरीदेवी के सामने शिव मंदिर है.
  • यहां कार्यालय बनाया गया. स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती जी के ब्रह्मलीन होने के पश्चात उनके शिष्य स्वामी विष्णु देव आनंद सरस्वती ने इस की गरिमा को बनाए रखा वर्तमान में शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती यहां निवास किया करते हैं . अगर आप प्रयागराज कुंभ में हैं तो इन मंदिरों में जाना ना भूलें.