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55 घंटे की भू समाधि के बाद अचेत अवस्था में निकाले गए मौनी महाराज

 

 

सुलतानपुर। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण तथा राष्ट्र की रक्षा के लिए 55 घंटे की भू-समाधि के बाद गुरुवार को अचेत अवस्था में अभय चैतन्य मौनी महाराज बाहर निकले। उन्हें 15 फीट जमीन से ‘हर-हर महादेव’ के जयकरों साथ निकाला गया।

मौनी महाराज सावन माह में प्रसिद्ध तीर्थस्थल सीताकुंड धाम पर साधनारत हैं। हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच उनके शिष्यों ने धार्मिक अनुष्ठान के तहत उन्हें समाधि से बाहर निकाला। उसके बाद उन्हें दुग्ध से स्नान कराया गया। थोड़ी ही देर बाद उनकी चेतना वापस लौटी। वहां मौनी महाराज को देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। चेतना में लौटने के बाद मौनी महाराज ने अपने भक्तों के साथ ही राष्ट्र के कल्याण की कामना की।

गौरतलब है कि मौनी महाराज कि यह 55वीं समाधि थी। चेतना में लौटने के बाद उन्होंने कहा कि समाधि हिन्दू दर्शन में बहुत पुरानी परंपरा है। आदि शंकराचार्य अपने शरीर को छोड़कर दूसरे के शरीर में प्रवेश कर साधना को मूर्त रूप दिया था।