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अगर आप भी करमचंद गाँधी को समझते हैं महात्मा, जरुर पढ़ें ये चार लाइने..

लखनऊ: मोहनदास करमचंद गाँधी , जिन्हे भारत के साथ दुनिया के लोग भी महात्मा गाँधी या बापू कहते हैं, उन्हें अहिंसा के पुजारी के रूप में मान्यता दी गई है, लेकिन अगर आप गाँधी की लिखी किताबों को छोड़कर गाँधी पर लिखी किताबें पढेंगे तो शायद आपके उनके बारे में सत्य जान पाएं…

या फिर आप सावरकर का सन्देश या महात्मा गाँधी को गोली मारने वाले नाथूराम गोडसे का अदालत में दिया हुआ वो बयान सुन लीजिए, जिसमे उन्होंने महात्मा गाँधी को मारने की वजह बताई है.

फ़िलहाल हम आपके लिए लेकर आए हैं, 4 ऐसी बातें जो ये साबित करते हैं कि मोहनदास करमचंद गांधी ‘महात्मा’ तो नहीं थे.

क्या ‘महात्मा’ गाँधी थे रंगीला गांधी 

  • गांधी 18 से 25 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों के साथ सोते थे, बहुत कम लोग इसके बारे में जानते हैं लेकिन यह सच है (विस्तार से आप डॉ एल एल बाली की पुस्तक  “रंगीला गांधी” और “क्या गांधी महात्मा थे” पढ़ सकते हैं. खुद गांधी ने इसके बारे में बताते हुए कहा है कि वे ये सब अपने ब्रम्हचारी प्रयोग के लिए कर रहे हैं. 
  • गांधी सिर्फ पैसा और नाम कमाने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए थे क्योंकि यहां भारत में वह अच्छा नहीं कर सके थे , वहां वह मुख्य रूप से अब्दुल्ला एन्ड क.  को बचाने के लिए गए थे, जिसका कारोबार तस्करी का था और इसके लिए गांधी ने बहुत अधिक शुल्क लिया था.

  • अपने पूरे जीवन में गांधी ने चिल्लाते हुए कहा, वह अहिंसा का समर्थन करते है, लेकिन, द्वितीय विश्व युद्ध के समय उन्होंने खुद इंग्लैंड की ओर से लड़ाई के लिए भारतीय सेना भेजी, उस समय अहिंसा कहाँ चली गई थी ?
  • गांधी ने हमेशा लोगों को एक साधारण जीवन जीने और अपना काम खुद करने की सलाह दी, लेकिन उनकी सादगी यह थी कि जब वह जेल में थे तो उनकी सेवा करने के लिए जेल में तीन महिलाएं थीं.