वाराणसी। गुरु पूर्णिमा पर्व पर मंगलवार की देर रात चन्द्रग्रहण के चलते लगने वाले सूतक काल को देख दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध सायंकालीन गंगा आरती दोपहर में होगी। घाट पर गंगोत्री सेवा समिति और गंगा सेवा निधि की सायंकालीन होने वाली विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती तीसरी बार भगवान भास्कर के आभामंडल में दिन में होगी।
गंगोत्री सेवा समिति के अध्यक्ष किशोरी रमण दुबे उर्फ बाबू महाराज ने सोमवार को बताया कि वैदिक मान्यताओं को देख चंद्र ग्रहण के सूतक काल की वजह से मंगलवार को दिन में गंगा आरती होगी। बाबू महाराज के अनुसार चन्द्र ग्रहण से पूर्व सूतक 9 घंटे पहले लग जाता है, जो इस बार मंगलवार अपराह्न 3.56 बजे से प्रारंभ होगा। लिहाजा शाम को होने वाली नित्य गंगा आरती अपराह्न 12 बजे से प्रारम्भ की जायेगी।
उन्होंने बताया कि 31 जनवरी 2018 को माघ पूर्णिमा (रक्षाबंधन) को भी दिन में ही मां गंगा की आरती हो चुकी है। उन्होंने बताया कि चद्र ग्रहण रात 1.30 बजे के बाद शुरू होगा। मोक्ष भोर में 4.30 बजे होगा। ग्रहण की अवधि 2 घण्टे 57 मिनट्स 14 सेकण्ड की है। ग्रहण काल का सूतक काल अपराह्न 3.56 से प्रारम्भ हो जायेगा। इसका समापन बुधवार भोर 4.29 मिनट पर होगा।