कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर के लोग घरों में कैद हैं. लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाया जा रहा है. जहां भारत सहित ज्यादातर देशों में मंदिर-मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे आदि सभी तीर्थस्थल बंद कर दिए हैं, वहीं पाकिस्तान इस मामले में अलग ही प्रोटोकॉल पर चल रहा है. यहां स्कूल-कॉलेज, मॉल वगैरह बंद हैं, लेकिन मस्जिदें अभी भी खुली हैं. आइए जानें- पाकिस्तान में लॉकडाउन किन नियमों पर आधारित है, यहां कैसे हो रहा है इनका पालन.
आपको बता दें, पाकिस्तान के नागरिकों को लिए कोरोना वायरस के मद्देनजर 20 दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.
पाकिस्तान के दिशा-निर्देश के मुख्य प्वाइंट्स
- पाकिस्तान के नागरिकों को मस्जिद में घर से प्रार्थना मैट लाने की अनुमति है.
- नमाज/तरावीह के बाद किसी भी सभा की अनुमति नहीं दी जाएगी.
- 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और बच्चों को मस्जिद में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.
- हर किसी को डब्ल्यूएचओ और अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करना होगा.
- तरावीह का आयोजन मस्जिद परिसर, सड़कों, फुटपाथों और अन्य जगहों पर नहीं किया जाना चाहिए.
- लोगों को घर पर नियमित रूप से नमाज पढ़ते रहना चाहिए.
- नमाज पढ़ने के दौरान छह फुट की दूरी होनी चाहिए.
- मस्जिद को समितियों का गठन करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लोग नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं.
- नागरिक किसी से भी हाथ न मिलाएं, न ही गले लगे.
- किसी को भी मस्जिदों में सहरी और इफ्तार नहीं करना चाहिए.
- अगर रमजान के दौरान, सरकारी अधिकारियों को लगता है कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है और कोरोना वायरस मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है, तो वह निर्णयों की समीक्षा कर सकते हैं.