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आर्थिक पैकेज की आखिरी किस्तः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया ये ऐलान

कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर प्रवासी श्रमिकों के अपने-अपने घर लाैटने के कारण उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया जा रहा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आज लगातार पांचवे दिन संवाददाताओं से चर्चा में यह जानकारी देते हुये कहा कि चालू वित्त वर्ष के बजट में मनरेगा के लिए 61 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है लेकिन काेरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर अब 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रवासी और गरीबों को त्वरित मदद की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘जान है तो जहान है’ का नारा दिया था और इसकी के मद्देनजर जीवन को प्राथमिकता दी जा रही है। गरीबों को तुरंत आर्थिक मदद दी जा रही है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में निर्मला सीतारमण ने कहा कि मजदूरों को घर ले जाने के लिए ट्रेनें चलाई गई हैं। मजदूरों को ट्रेनों से ले जाने का 85 फीसदी खर्च केंद्र सरकार ने वहन किया है। 15 फीसदी खर्च राज्य सरकारों ने किया है। श्रमिकों को ट्रेनों में खाना भी उपलब्ध कराया गया। आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों के लिए राशन की व्यवस्था की है। 

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं किस्त में सात मुद्दों ‘मनरेगा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम को गैर-आपराधिक बनाने, कारोबार की सुगमता, सार्वजनिक उपक्रम और राज्य सरकारों से जुड़े संसाधन पर ध्यान दिया जा रहा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के लिए लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ पर आज का फोकस किया गया है। शुरुआत हमने गरीब कल्याण योजना के साथ की थी। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने की व्यवस्था की गई। पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत खाते में कैश डाले गए। डीबीटी टेक्नॉलजी से पीएम किसान में योजना के तहत 8.19 करोड़ किसानों को मदद दी गई है। 2 करोड़ 81 लाख वुद्ध और दिव्यांगों को पेंशन दिया गया। जनधन खाता धारक 20 करोड़ खातों में रुपए डाले गए। निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों को 3950 करोड़ रुपए की मदद दी गई।