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आरओ के पानी से शरीर में हो रही कैल्शियम की कमी

 

प्रयागराज। पौष्टिक तत्वों का एक अन्य स्रोत जल भी है, इसमें कैल्शियम के साथ-साथ अन्य मिनरल भरपूर होते हैं। लेकिन जब से हम आरओ का जल पीने लगे हैं, तब से हमारे शरीर में कैल्शियम के साथ-साथ अन्य मिनरल की कमी होती जा रही है। जिससे हमारे हड्डियों में दर्द, घुटने में दर्द, कमर दर्द, हड्डी के रोग, कमजोरी, आंखों के रोग आदि बढ़ने लगे हैं।

यह बातें मधुबन बिहार स्थित एस.के.आर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान में रेकी ग्रैण्ड मास्टर सतीश राय ने रविवार को कही। उन्होंने कहा कि हमारे शरीर के लिए 200 टीडीएस से 400 टीडीएस का पानी ठीक रहता है। लेकिन आजकल मिलने वाले आरओ पानी में 20 से 50 टीडीएस तक रहता है। इस दौरान उन्होंने शिविर में लोगों को स्पर्श ध्यान के माध्यम से स्वस्थ रहने का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया। बताया कि जीवन में ध्यान के महत्व को देखते हुए स्पर्श ध्यान की प्रक्रिया का ज्ञान आवश्यक है। स्वथ्य व निरोग रहने के लिए उर्जा शक्ति द्वारा ध्यान लगाकर मन को एकाग्र रहने का विशेष प्रशिक्षण दिया।

राय ने बताया कि दूषित खानपान से हमारे शरीर में प्रतिरोधक क्षमता का विकास नहीं हो पाता, जिसके कारण हम प्रतिदिन एक नयी बीमारियों से घिरते जा रहे हैं। यह सब हमारे अंदर पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण हो रहा है। बताया कि पूर्वी उ.प्र में हैण्डपम्प का पानी सबसे शुद्ध होता है। बोरिंग का पानी हमारे शरीर में पोषक तत्वों के कमी को दूर करता है, जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। बीमारी में आरओ का पानी सेवन करना फायदेमंद होता है। कारण कि यह हल्का होता है और शरीर में सुपाच्य होता है। बीमारी के कारण हमारे शरीर के आर्गन्स कमजोर हो जाते हैं। बोरिंग का पानी भारी होता है क्योंकि इसमें कैल्शियम, आयरन व अन्य मिनरल्स होते हैं, जो शरीर में आसानी से सुपाच्य नहीं होता। लेकिन जब हम स्वस्थ रहते हैं तो यह हमारे शरीर के सभी तत्वों के कमी को पूरा करता है।