वैश्विक महामारी कोरोना वायरस भारत में तेजी से पांव पसार रहा है। शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इस वायरस से देश में 19 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 800 से ज्यादा संक्रमित मामले सामने आए हैं जिसमें 748 लोग सक्रिय हैं और 67 लोग ठीक हो चुके हैं।
देश में हुए 800 से ज्यादा मरीज
देश में मृतकों की संख्या बढ़कर 19 हुई, 748 लोगों की जांच हो रही है, वहीं 67 लोग ठीक हुए हैं।
There are 748 active #COVID19 cases so far in the country. 67 cured/discharged/migrated cases and 19 deaths: Ministry of Health and Family Welfare. pic.twitter.com/FXYk9rUza4
— ANI (@ANI) March 28, 2020
मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के चार नए मरीज सामने आए हैं, इनमें तीन इंदौर और एक उज्जैन से है। इंदौर के मरीजों में 60, 42 और 23 साल के लोग हैं तो वहीं उज्जैन से 23 वर्षीय में कोरोना की पुष्टि हुई है।
4 more persons have tested positive for #COVID19 in Madhya Pradesh, 3 are from Indore and 1 from Ujjain. 3 men from Indore are of ages- 60 years, 42 years and 23 years. The man from Ujjain is 23-year-old: Mahatma Gandhi Memorial Medical College, Indore
More details awaited.
— ANI (@ANI) March 27, 2020
दिल्ली,गाजियाबाद और गुरुग्राम से हजारों मजदूर अपने घरों को पैदल ही जा रहे हैं.इन मजदूरों को बसों से अपने घर पहुँचाने की भी व्यवस्था की जा रही है.
Ghaziabad: Large number of migrant workers reach Lal Kua, after walking on foot from Delhi, Gurugram and other places, and take buses to their respective hometowns amid #CoronavirusLockdown pic.twitter.com/dYB0bimeg6
— ANI UP (@ANINewsUP) March 28, 2020
विदेश से आये लोगों की जांच में लापरवाही
आपको बता दें पिछले दो महीनों में विदेश से आए लोगों की कोविड-19 की जांच में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों को पत्र भेजकर कहा है कि पिछले दो महीने में 15 लाख यात्री विदेश से भारत आए, लेकिन इन सभी की कोविड19 की जांच नहीं हुई है। कोविड19 की जांच हुए लोगों की रिपोर्ट और कुल यात्रियों की संख्या में बड़ा अंतर दिख रहा है।
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्य सरकारों को बताया है कि पिछले दो महीने में 15 लाख से ज्यादा लोग विदेश से भारत आए हैं और लौटने वाले यात्रियों और कोरोना वायरस संक्रमण के संदेह में वास्तविक रूप से निगरानी में रखे गए लोगों की संख्या में बड़ा अंतर प्रतीत हो रहा है।