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जवाहर यादव हत्याकांड : 23 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, करवरिया बंधुओं समेत चार को उम्रकैद की सजा

 

 

प्रयागराज। प्रयागराज के बहुचर्चित जवाहर यादव हत्याकांड में पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया, भाई पूर्व विधायक उदय भान करवरिया, भाई पूर्व एमएलसी सूरज भान करवरिया और रामचंद्र त्रिपाठी को बद्री विशाल पाण्डेय की कोर्ट ने सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और डेढ़-डेढ़ लाख का जुर्माना लगाया है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगीं। चारों अभियुक्तों को कड़ी सुरक्षा के बीच नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया है।

ट्रायल कोर्ट ने करवरिया बंधुओं सहित एक अन्य को एडीजे कोर्ट ने बहस पूरी होने के बाद 18 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था और 31 अक्टूबर को हत्या का दोषी करार दिया था। आज चार नवम्बर को सजा का ऐलान होना था। आज सुनवाई के लिए अभियुक्त करवरिया बंधुओं को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट परिसर में लाया गया। कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही बचाव पक्ष ने कोर्ट से कम से कम सजा दिए जाने की गुजारिश की। दूसरी तरफ अभियोजन ने अधिक सजा देने की मांग की। इस दौरान शोरगुल होने लगा तो पूर्व विधायक उदयभान ने हाथ जोड़कर शांति बनाए रखने की अपील की।

सुनवाई के दौरान प्रयागराज के एडीजे पंचम कोर्ट एवं कचहरी के बाहर भारी सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। इसके लिए कचहरी जाने वाले मार्ग पर चार पहिया वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया था। सायं चार बजे बद्री विशाल पाण्डेय की कोर्ट ने चारों दोषसिद्ध आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा और प्रत्येक पर डेढ़-डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 18 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए थे। करवरिया बंधुओं को निर्दोष साबित करने के लिए बचाव पक्ष की ओर से 156 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया था। यहां तक कि भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे और मौजूदा समय में राजस्थान के गवर्नर कलराज मिश्रा की भी गवाही हुई थी।

कोर्ट में सजा सुनाए जाने के बाद बाहर निकलकर उदयभान करवरिया ने समर्थकों से कहा कि हौसला न खोना, मुझे भूल न जाना। मैं लौटकर फिर आऊंगा शांति बनाए रखो। यह राजनैतिक सजा है, हाईकोर्ट से न्याय होगा।