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पुलवामा हमले के बाद मोदी सरकार ने पलता रुख, 155 नेताओं की छीनी सुरक्षा

पुलवामा में हुए आत्मघाती आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए 18 अलगाववादियों सहित 155 नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है. हुरियत कॉन्फ्रेंस के कई नेताओं की सुरक्षा हटाई दी गई या कम कर दी की गई है.

जिन नेताओं की सुरक्षा में बदलाव किया गया है उनमें एसएएस गिलानी, आगा सैयद, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शाहिद उल इस्लाम, जफ्फार अकबर भट, नईम अहमद खान, मुख्तार अहमद वाज़ा का नाम शामिल हैं. 

इसके अलावा, फारुख अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, अब्दुल गनी शाह और मोहम्मद मुसादिक भट्ट की सुरक्षा में भी बदलाव किया गया है. इन नेताओं की सुरक्षा में लगभग 1000 पुलिसकर्मी और 100 गाड़ियां तैनात हैं.

विरोधी ताकतों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई

पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने अलगाववादियों पर कड़ी कार्रवाई की है. सरकार ने हमले के बाद स्पष्ट कर दिया था कि हम देश विरोधी ताकतों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेंगे. 

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, ऐसा महसूस किया गया है कि अलगाववादियों को सुरक्षा प्रदान देना जम्मू-कश्मीर के संसाधनों का दुरुपयोग करना है जिनका बेहतर उपयोग किया जा सकता है. इससे पहले, बीते रविवार को भी चार नेताओं की सुरक्षा हटा ली गई थी.

साथ ही, 155 नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा भी वापस हटाई गई है, जिन्हें सुरक्षा धमकी और उनकी गतिविधियों के चलते दी गई थी. इसमें हाल ही में आईएएस से त्यागपत्र देने वाले शाह फैसल भी शामिल है.