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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फटकार के बाद काम में जुट गया जल निगम   

देव श्रीवास्तव/लखीमपुर खीरी।

सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फटकार के बाद जल निगम व नगरपालिका लखीमपुर के अधिकारी कर्मचारी इन दिनों जनता को हो रही पानी की समस्या से निजात दिलाने में जुट गए हैं।  8 जून को मुख्यमंत्री के लखीमपुर दौरे के दौरान  सरकार की महत्वाकांक्षी अमृत योजना में जल निगम द्वारा मानक के अनुरुप काम न किए जाने की शिकायत की गई थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने 15 दिन के अंदर सभी शिकायतों के निस्तारण की हिदायत जल निगम अधिकारी को दी थी। जिसके बाद से जल निगम के कर्मचारी नगर पालिका के कर्मचारियों की देखरेख में पानी व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं। आपको बता दें कि सरकार द्वारा आम जन तक पीने के साफ पानी को पहुंचाने के लिए अमृत योजना की शुरुआत की गई थी। जिसके लिए नगरपालिका को योजना के अंतर्गत पहले फेज में करीब 5 करोण रुपए मिले थे। जिसे जल निगम को ट्रांसफर किया गया था। इस पैसे से 1656 घरों में पानी कनेक्शन दिया जाना था। यह कार्य नगर पालिका की देखरेख में होना था। साथ ही वाटर मीटर, पानी की लाइने लगनी थीं। पहली किस्त में ही जल निगम के द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने का मामला उजागर होने लगा था। जिसे लेकर शिकायत की गई थी। हालांकि नगर पालिका द्वारा भी कई बार शिकायत को लेकर पत्राचार किया गया। जवाब में जल निगम को सही कार्य करने की नसीहत मिलती रही, लेकिन उसके बावजूद अधिकारियों कर्मचारियों ने ठेकेदार पर सख्ती नहीं की। ऐसे में काम जैसा-तैसा चलता रहा। आखिरकार जनप्रतिनिधियों को 8 जून को वह मौका मिला जब वह जनता की बात मुख्यमंत्री से कर पाए। कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में जल निगम द्वारा किए गए इस कार्य की जमकर आलोचना हुई । जिसके बाद मुख्यमंत्री ने 15 दिन के अंदर अवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश जल निगम अधिकारी को दिए। नगरपालिका के अधिकारियों को हिदायत दी कि वह कार्य की प्रगति पर नजर रखें और लापरवाही होने पर शासन को सूचित करें। ऐसा न करने पर दोनों ही विभागीय अधिकारियों पर कार्यवाही की बात कही।    

सरकारी हैंडपंप लगाने में भी हुआ भष्टाचार           

ललखीमपुर-खीरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में 8 जून को की गई बैठक में वैसे तो कई योजनाओं को लेकर अधिकारियों को फटकार खानी पड़ी, परंतु जल निगम ऐसा विभाग रहा जिसे मुख्यमंत्री की फटकार का कई बार सामना करना पड़ा। एक दूसरा मामला यह था कि आमजन तक साफ पानी पहुंचा ने के लिए शहर तथा गांव-गांव तक सरकारी हैंडपंप लगाए जा रहे हैं। इन हैंडपंप में भी भ्रष्टाचार की शिकायत जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से की। बोरिंग सहित उसके मटेरियल में भी भ्रष्टाचार की बात मुख्यमंत्री के सामने आई। कई जगह सरकारी नल तो लग गया, परंतु कुछ दिन बाद ही उसने पानी देना बंद कर दिया। कई जगह हैंडपंप गंदा पानी ही दे रहा था। ऐसे मे शिकायत होनी भी लाजमी था। कुल मिलाकर सबे के मुख्यमंत्री का यह दौरा जनता के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहा। आम जनमानस तक यह संदेश पहुंच गया, कि सरकार भष्टाचार के खिलाफ एक मुहीम चलाकर काम कर रही है। अगर कोई भी अधिकारी कर्मचारी सरकार की मंशा के अनुरुप कार्य नहीं करेगा तो उस पर कार्यवाही निश्चित है।

तय समय में दुरुस्त कर ली जाएंगी व्यवस्थाएं

मामले पर जानकारी देते हुए नगर पालिका की जेई प्रिया मिश्रा ने बताया कि अमृत योजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्य में गड़बड़ी किए जाने को लेकर उनके द्वारा जल निगम व शासन से कई बार पत्राचार किया जा चुका है। जल निगम को अवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए शासन से निर्देशित भी किया जा चुका है। जल निगम इस कार्य की कार्यदाई संस्था है, और बाद में वह सब कुछ नगरपालिका लखीमपुर के हैंड ओवर कर देगी। ऐसे में बाद में होने वाली समस्याओं से नगरपालिका को दो-चार होना पड़ेगा। इसीलिए नगरपालिका हो रहे काम पर अपनी निगरानी रखती है। अगर किसी व्यक्ति को कोई शिकायत है तो वह नगरपालिका में आकर कर सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले फेस में 1656 घरों में कनेक्शन देना था। जिसमें जल निगम द्वारा लापरवाही की गई है। इसकी शिकायत भी शासन को उनके द्वारा की गई थी। मुख्यमंत्री की फटकार पर उन्होंने बताया कि जल्द ही समय रहते सारी व्यवस्था को नगरपालिका अपनी देख-रेख में दुरुस्त करा लेंगी। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए तय समय में शासन को कार्य की प्रगति रिपोर्ट भेज दी जाएगी।