बिहार के दरभंगा की बेटी ज्योति के हौसले और हिम्मत की चर्चा न सिर्फ पूरे देश में हैं बल्कि अब वो अमेरिका तक चर्चा में है.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रम्प ने ज्योति के हौसले को सराहा है उसकी संघर्षपूर्ण कहानी को उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किया है।
आपको बता दें कि दरभंगा के सिरहुल्ली गांव की ज्योति लॉकडाउन के दौरान अपने बीमार पिता को लेकर साइकिल से गुड़गांव से दरभंगा करीब 12 सौ किमी साइकिल से पहुँच गयीं.
एक निजी वेबसाइट पर चल रही ज्योति की कहानी को शुक्रवार इवांका ट्रम्प ने ट्विटर पर साझा किया। इससे पहले हिन्दुस्तान में ज्योति की संघर्षपूर्ण कहानी सामने आने के बाद कई लोग और संगठन उसकी तथा उसके परिवार की मदद को सामने आए हैं।
15 yr old Jyoti Kumari, carried her wounded father to their home village on the back of her bicycle covering +1,200 km over 7 days.
— Ivanka Trump (@IvankaTrump) May 22, 2020
This beautiful feat of endurance & love has captured the imagination of the Indian people and the cycling federation!?? https://t.co/uOgXkHzBPz
लोग मदद को आगे आये
ज्योति आठवीं की छात्रा है। इसलिए उसकी पढ़ाई में मदद का भरोसा दिया गया है। वहीं ज्योति को साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से अगले महीने ट्रायल के लिए भी बुलाया गया है। ज्योति ने शुक्रवार को बताया कि उसे एक कॉल आया है। साइकिलिंग फेडरेशन के चेयरमैन ओंकार सिंह ने उसे शाबाशी के साथ आशीर्वाद भी दिया।
सरकार से हारकर एक 15 वर्षीय लड़की निकल पड़ी है अपने घायल पिता को लेकर सैकड़ों मील के सफ़र पर… दिल्ली से दरभंगा. आज देश की हर नारी और हम सब उसके साथ हैं.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 21, 2020
हम उसके साहस का अभिनंदन करते हुए उस तक 1 लाख रु. की मदद पहुँचाएंगे. pic.twitter.com/amO502S6dj
इसके साथ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ज्योति की हिम्मत की सराहना करते हुए एक लाख रूपये की मदद देने की बात कही.
15 साल की ज्योति लॉकडाउन के चलते गुड़गांव में फंस गई। बीमार पिता की जेब खाली थी। इसी बीच प्रधानमंत्री राहत कोष से एक हजार रुपये खाते में आए। ज्येाति ने कुछ और पैसे मिलाकर पुरानी साइकिल खरीदी और पिता को उस पर बिठाकर गांव तक पहुँचाया|
इस बीच शुक्रवार को राढ़ी पश्चिमी पंचायत के पकटोला स्थित डॉ. गोविंद चंद्र मिश्रा एजुकेशनल फाउंडेशन ने भी ज्योति को नि:शुल्क शिक्षा और उसके पिता मोहन पासवान को नौकरी का प्रस्ताव दिया है। फाउंडेशन ने सिरहुल्ली निवासी मोहन पासवान और उनकी पुत्री ज्योति कुमारी को हरसंभव सहायता करने का निर्णय लिया है।