नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को मिशन चंद्रयान-2 के दौरान लैंडर विक्रम को भले ही चंद्रमा की सतह पर सफल तरह से लैंडिंग में कामयाबी न मिली हो लेकिन इस मिशन को लेकर इसरो के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है। जिसकी वजह से एक बार फिर से यह मिशन 100 प्रतिशत सफल हो सकता है।
इसरो की ओर से मिली ताजा जानकारी के मुताबिक लैंडर विक्रम से लगातार संपर्क साधने की कोशिश की जा रही है। इसरो ने सोमवार को बताया था कि चांद की सतह पर लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई थी लेकिन इसमें सबसे खास और खुशी की बात यह है कि लैंडर विक्रम को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है।
इसका मतलब यह है कि लैंडर विक्रम में किसी भी तरह की टूट-फूट नहीं हुई है। जिसकी वजह से एक बार फिर से इसरो को कामयाबी मिलने की उम्मीद जाग उठी है और इसरो भी लगातार विक्रम से संपर्क साधने में जुटा हुआ है। गौरतलब हो कि शुक्रवार देर राहत चांद की सतह से मात्र 2.1 किलोमीटर की दूरी पर लैंडर विक्रम का इसरो से संपर्क टूट गया था। जिसके बाद अब इसरो के पास विक्रम से संपर्क साधने के लिए केवल 12 दिन ही बचे हुए हैं। नहीं तो मिशन चंद्रयान-2 के पूरा होने की सारी उम्मीदें खत्म हो सकती हैं।
अंतरिक्ष मामलों के एक जानकार ने बताया है कि अगर हार्ड लैंडिगं के बाद विक्रम चांद की सतह पर सीधा खड़ा होगा और उसके पार्ट्स को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा होगा, तो उससे फिर से संपर्क स्थापित किया जा सकता है। लैंडर विक्रम के अंदर ही रोवर प्रज्ञान है। प्रज्ञान को सॉफ्ट लैंडिग के बाद चांद की सतह पर उतरना था।