भारत की निकहत ज़रीन ने तुर्की के इस्तांबुल में महिला विश्व चैंपियनशिप में 52 किग्रा वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है। निकहत ने गुरुवार को फ्लाईवेट फाइनल में थाईलैंड की जितपोंग जुटामेंस पर जीत हासिल की। बुद्धवार को निकहत ने फाइनल में जगह बनाई थी, जिसके बाद उन्होंने फाइनल अपने थाई प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
निकहत ज़रीन की इस कामयाबी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली निकहत जरीन को बधाई दी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “हमारे मुक्केबाजों ने हमें गौरवान्वित किया है। निखत जरीन को महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में शानदार स्वर्ण पदक जीतने के लिए बधाई। मैं मनीषा मौन और परवीन हुड्डा को भी इसी प्रतियोगिता में कांस्य पदक के लिए बधाई देता हूँ।”
Our boxers have made us proud! Congratulations to @nikhat_zareen for a fantastic Gold medal win at the Women's World Boxing Championship. I also congratulate Manisha Moun and Parveen Hooda for their Bronze medals in the same competition. pic.twitter.com/dP7p59zQoS
— Narendra Modi (@narendramodi) May 19, 2022
भारत की ओर से 12 सदस्यीय टीम ने हिस्सा लिया था। भारत ने चार वर्ष के बाद गोल्ड मेडल हासिल किया है। इससे पहले 2018 में एम सी मैरीकॉम ने जीता था। निकहत के लिए यह साल शानदार रहा है। इससे पहले उन्होंने फरवरी में स्ट्रेंटजा मेमोरियल में गोल्ड मेडल जीता था। वह ऐसा करने वालीं पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनी थीं।
Shining bright at the top of the podium is our new world champion- @nikhat_zareen 😍🌟#ibawwchs2022#IstanbulBoxing#PunchMeinHaiDum#Boxing pic.twitter.com/H4Fcul9KJx
— Boxing Federation (@BFI_official) May 19, 2022
निकहत ज़रीन टूर्नामेंट में स्वर्ण जीतने वाली पांचवीं भारतीय महिला बन गईं हैं। उनसे पहले दिग्गज एमसी मैरीकॉम ने 2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018 में खिताब जीते थे। इसके अलावा 2006 में सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा केसी ने अपने-अपने भारवर्ग में गोल्ड मेडल जीता था। ज़रीन मुकाबले के दौरान बेहतरीन फॉर्म में थीं। उन्होंने अपने तकनीकी कौशल का इस्तेमाल किया और अपने फुर्तीले पैर वाले प्रतिद्वंद्वी को पछाड़ने के लिए कोर्ट को अच्छी तरह से कवर किया। निकहत पहले दौर में सभी जजों को प्रभावित करने में सफल रहीं। उन्होंने थाई मुक्केबाज की तुलना में कहीं अधिक मुक्के मारे।दूसरा दौर कड़ा था और जितपोंग जुटामेंस ने इसे 3-2 से जीत लिया। फाइनल राउंड में निकहत ने प्रतिद्वंद्वी को बुरी तरह धोया और फैसला उनके पक्ष में सर्वसम्मति (5-0) से आया। इससे पहले सेमीफाइनल में ज़रीन ने ब्राजील की कैरोलिन डी अल्मेडा के खिलाफ 5-0 से जीत हासिल की थी।