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नई दिल्ली. भारत में सोने का रिश्ता लोगों के दिलों से जुड़ा होता है. यहां लोग किसी भी शुभ मौके पर, शादी-ब्याह के अवसर पर सोना खरीदते हैं और तो और मुश्किल घड़ी में सोना लोगों का साथी बनता है. सोना हमेशा से लोगों के लिए सुरक्षित निवेश रहा है. लोग घरों में सोना रखते हैं, ताकि मुश्किल वक्त में वो उनके काम आ सके. अगर सोने के सफर की बात करें तो आजादी के 75 वर्षों में सोने की कीमत में बंपर उछाल आया है. आंकड़ों के मुताबिक 1947 में जहां सोना 88 रुपए प्रति 10 ग्राम बिक रहा था तो अब सोना की कीमत 50 हजार के आंकड़े के करीब पहुंच चुकी है.
1947 में सोने की कीमत
सोने की कीमत के बारे में बात करें तो 1947 में सोना 88 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा था. 1959 में सबसे पहली बार सोने की कीमत 100 रुपए के पार गई. 1974 में सोना की कीमत ने 500 रुपए प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को पार किया तो 2007 में पहली बार सोना 10000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर क्रॉस कर गया. साल 2011 में सोने की कीमत ने पहली बार 26000 रुपए प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को छुआ तो वहीं 2020 में सोने की कीमत में बंपर तेजी आई और कीमत 56200 रुपए प्रति 10 ग्राम के ऑल टाइम हाई रेट पर पहुंच गया. महज 10 सालों में सोना का भाव दोगुना हो गया.
75 सालों में 52000 फीसदी का रिटर्न
निवेश के लिहाज से देखें को 1947 से अब तक सोने ने 52000 फीसदी का रिटर्न दिया है. सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में 58700 फीसदी की तेजी आई. साल 1947 में चांदी 107 रुपए प्रत किलोग्राम बिक रहा था, जबकि आज चांदी की कीमत 65000 रुपए के करीब पहुंच चुकी है. अगर चांदी की कीमतों पर नजर डाले तो 1974 में चांदी पहली बार 1000 रुपए के पार हुई और अगले 10 सालों में 5000 रुपए के स्तर पर पहुंच गई. साल 2004 में चांदी ने पहली बार 10000 रुपए के आंकड़े को छुआ तो 2008 में ये 25000 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया. साल 2020 में चांदी ने 77949 का ऑल टाइम हाई रिकॉर्ड पर पहुंच गया.
सोने में निवेश का मौका
बाजार जानकारों की माने तो सोने में निवेश का अच्छा मौका है. वर्तमान में सोने की कीमत में भले गिरावट आ रही है, लेकिन आने वाले समय में सोना अच्छा रिटर्न देगा. सोने की कीमत में आने वाले समय में तेजी लौटेगी. लॉग टर्म में सोने अच्छा रिटर्न देगा.
31 अगस्त से गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य
सरकार ने 31 अगस्त से गोल्ड हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है. हालांकि केंद्र सरकार के इस फैसले से सर्राफ और ज्वैलर्स नाखुश है और वो हॉलमार्किंग के लिए और समय मांग रहे हैं. ज्वैलर्स हॉलमार्किंग के लिए एक साल का वक्त मांग रहे हैं तो वहीं सरकार ने 31 अगस्त से इसे अनिवार्य करने का फैसला कर लिया है. 31 अगस्त के बाद से आपको सोने की शुद्धता की चिंता नहीं करनी होगी. अगर गोल्ड ज्वैलरी पर गोल्ड हॉलमार्क का निशान है मतलब सोना शुद्ध है. आपको सोने की खरीदारी करत वक्त हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान देखना होगा. हॉलमार्क निशान के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है.
Source : palpalindia
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