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IAS week में अफसरों को दिए गए एक से एक मजेदार टाइटल, जानिए आप भी….

आईएएस वीक के दूसरे दिन शुक्रवार को यूपी आईएएस एसोसिएशन ने एमबी क्लब में सर्विस डिनर का आयोजन किया। इसमें मुख्य सचिव राजीव कुमार, आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीर कुमार सहित बड़ी संख्या में प्रशासनिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया। यहां खान-पान, सम्मान के बीच अधिकारियों को एक से बढ़कर एक टाइटल से नवाजा गया।

मुख्य सचिव राजीव कुमार के लिए कहा गया, ‘आप आए, बहार आई’। कुछ-कुछ महीने के कार्यकाल वाले दो चर्चित मुख्य सचिवों के बाद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बुलाकर मुख्य सचिव बनाए गए कुमार के आने से काडर ने राहत की सांस ली है। यह टाइटल उसी की अभिव्यक्ति मानी जा रही है। कुमार का कार्यकाल अगले साल जून तक है।

एसोसिएशन ने उनकी कुर्सी की लाइन में गिने जा रहे तीन प्रमुख अधिकारियों कृषि उत्पादन आयुक्त आरपी सिंह, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय और अपर मुख्य सचिव माध्यमिक व उच्च शिक्षा संजय अग्रवाल को साझा टाइटल दिया, ‘हम भी खड़े हैं राहों में’।

मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव शशि प्रकाश गोयल के टाइटल में उनकी व्यस्तता की छाप नजर आई। उनके लिए पेश हुआ, ‘रात बाकी, काम बाकी। फाइलें, मीटिंग्स हो जाने दो’। प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी को ‘सुबहो शाम बस काम ही काम, क्यों नहीं लेते पिया प्यार का नाम’ से नवाजा गया।

जीएसटी मतलब ‘गब्बर सिंह टीम’

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी कामरान रिजवी और अमित घोष के लिए ‘अच्छा चलता हूं, फाइलों में याद रखना’ पेश किया गया। ये दोनों अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए हैं। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आरके तिवारी वाणिज्य कर विभाग के अपर मुख्य सचिव और मुकेश मेश्राम वाणिज्यकर आयुक्त हैं। इस विभाग का काम वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जीएसटी की व्याख्या ‘गब्बर सिंह टैक्स’ के  रूप में करते हुए मोदी सरकार को घेरा था। एसोसिएशन ने तिवारी और मेश्राम के  लिए संयुक्त टाइटल दिया, ‘गब्बर सिंह टीम’।

दोस्त को सलाम करो
आईएएस अधिकारी पंधारी यादव, अनुराग यादव, रंजन कुमार, विकास गोठलवाल और कंचन वर्मा स्टडी लीव पर लंदन गए हैं। इस टीम के लिए पेश हुआ- लंदन गए मेरे दोस्त, दोस्त को सलाम करो।
 
जियो रे बाहुबली
1988 बैच के आईएएस अनिल कुमार मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र गोरखपुर के कमिश्नर हैं। पिछली सरकार ने उन्हें गोरखपुर भेजा था, इस सरकार में भी नौ महीने से वहीं बने हुए हैं। अनिल के लिए टाइटल पेश हुआ-गली-गली तेरी लौ जली, जियो रे बाहुबली।

तुम आ गए हो नूर आ गया है…

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे के लिए पढ़ा गया, ‘मैं शायर तो नहीं।’ प्रशांत त्रिवेदी, संजय भूसरेड्डी, आलोक कुमार प्रथम, आलोक टंडन और मनोज कुमार सिंह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से आए हैं। इन्हें सरकार ने अच्छे विभागों की जिम्मेदारी दी है। इस टीम की शान में पढ़ा गया- तुम आ गए हो नूर आ गया है, नहीं तो चिरागों से लौ जा रही थी।
हमका ऐसा वैसा न समझो
अरविंद कुमार की गिनती सहज और सज्जन अफसरों में होती है। योगी सरकार ने उन्हें प्रमुख सचिव गृह बनाया। उन्होंने कानून-व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कड़े कदम उठाए। अरविंद के लिए पेश हुआ- हमका ऐसा-वैसा न समझो, हम बड़े काम की चीज।मैं तो छोड़ आई पिया का देश
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हिमांशु कुमार, कल्पना अवस्थी और टी. वेंकटेश भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से अपने काडर में लौट आए हैं। इस टीम को ‘मैं तो छोड़ आई पिया का देश, बाबुल का घर प्यारा लगे’ टाइटल मिला।

आज मैं ऊपर, आसमां नीचे

मुख्यमंत्री के विशेष सचिव रिग्जियान सैंफिल के लिए ‘बदल जाए अगर माली, चमन होता नहीं खाली’, पेश हुआ। सैंफिल इकलौते सर्विंग विशेष सचिव हैं जो पिछली सरकार के सत्ता से हटने के बावजूद नए मुख्यमंत्री के भी विशेष सचिव बने हैं। 2013 बैच के अविनाश कुमार को हाल में जिले से लाकर मुख्यमंत्री का विशेष सचिव बनाया गया है। सचिवालय में उन्हें पहली पोस्टिंग ही पंचम तल पर मिली है। उन्हें टाइटल मिला- आज मैं ऊपर, आसमां नीचे। सीएम के दूसरे विशेष सचिव नीतीश कुमार को ‘मुझे तुमसे है कितने गिले’ टाइटल मिला।

मुझे गेरुआ रंग दे
पीलीभीत की कलेक्टर शीतल वर्मा मुख्यमंत्री के जिला भ्रमण के समय गेरुए रंग की साड़ी में नजर आई थीं। उनके पति डॉ. आदर्श सिंह मुख्यमंत्री योगी के विशेष सचिव हैं। साथियों ने उनके लिए टाइटल पेश किया- मुझे रंग दे गेरुआ।

भैया धाड़ धाड़ धाड़ कर ले…
अमित गुप्ता के पास पिछली सरकार में प्रदेश में स्वच्छता का काम था, इस सरकार ने विजय किरन आनंद को यह जिम्मेदारी दी है। इन दोनों अफसरों को टाइटल मिला- भैया धाड़ धाड़ धाड़ कर ले अब तो टॉयलेट का जुगाड़।