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हनीट्रैप मामला : रसूखदारों को फंसाने के लिए छह छात्राओं का हुआ था इस्तेमाल

भोपाल। मध्यप्रदेश के हाई प्रोफाइल हनीट्रैप मामले में सीआईडी द्वारा रिमांर्ड पर ली गई दो आरोपित महिलाओं ने पूछताछ के दौरान एक और बड़ा खुलासा किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपित महिलाओं ने बताया कि राजगढ़ की 19 वर्षीय छात्रा के अलावा उन्होंने रसूखदारों को फंसाने के लिए भोपाल के कॉलेजों में पढ़ने वाली छह और छात्राओं का इस्तेमाल किया था। सीआईडी अब उन छह छात्राओं की जानकारी जुटाने में जुट गई है, वहीं मंगलवार को दोनों आरोपित महिलाओं की रिमांड भी खत्म हो रही है। उन्हें सीआईडी अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए फिर रिमांड पर लेने की मांग कर सकती है।

दरअसल, हनीट्रैप मामले में पकड़ी गई राजगढ़ की 19 वर्षीय छात्रा मोनिका यादव के पिता ने इंदौर के पलासिया थाने में मुख्य आरोपित श्वेता विजय जैन और आरती दयाल के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज कराया था। इंदौर से यह मामला जांच के लिए भोपाल सीआईडी के पास पहुंचा, जहां सीआईडी ने गत 31 अक्टूबर को दोनों आरोपितों श्वेता विजय जैन और आरती दयाल को अदालत में पेश कर रिमांड मांगी। सीआईडी निरीक्षक मनोज शर्मा ने कोर्ट में बताया कि दोनों के खिलाफ मानव तस्करी का मुकदमा दर्ज है। मामले में दोनों के बैंक खाते-लॉकर्स की जानकारी और मानव तस्करी के संबंध में पूछताछ के लिए पांच नवम्बर तक रिमांड पर सौंपा जाए। कोर्ट में आरोपितों के वकील राजेश कुमार ने पुलिस रिमांड का विरोध किया, लेकिन न्यायिक मजिस्ट्रेट पुष्पक पाठक की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोनों को पांच नवम्बर तक रिमांड पर सौंपने का आदेश जारी किया।

सीईडी ने रिमांड पर लेकर दोनों आरोपितों श्वेता विजय जैन और आरती दयाल से पूछताछ शुरू की, जिसमें खुलासा हुआ है कि उन्होंने मोनिका यादव के अलावा छह अन्य कॉलेज की छात्राओं का इस्तेमाल भी रसूखदारों को फंसाने के लिए किया था। उन्होंने बताया कि भोपाल के अयोध्या नगर थाना क्षेत्र में एक आईएएस अधिकारी ने उन्हें एक फ्लैट दिलाया था, जहां राजगढ़ की छात्रा को रखा गया था। वहीं से छात्रा को रसूखदार को फंसाने के लिए भेजा जाता था। हनीट्रैप के जरिए रसूखदारों को फंसाने के लिए आरोपित महिलाएं कॉलेज की छात्राओं का इस्तेमाल करती थीं। पहले छात्राओं से संपर्क कर उन्हें कम समय में ज्यादा पैसा कमाने का लालच दिया जाता था और जब छात्राएं उनके झांसे में आ जाती थीं, तो उनके जरिये अयोध्या नगर स्थित फ्लैट में रसूखदारों को हनीट्रैप का शिकार बनाया जाता था। फिलहाल, सीआईडी उन छह छात्राओं का पता लगाने में जुटी हैं, जिनका इस्तेमाल हनीट्रैप मामले में हुआ है।

गौरतलब है कि इस हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले में कुल छह महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और सभी को इंदौर की जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इस मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही है, जबकि मानव तस्करी मामले में दो आरोपित मंगलवार, पांच नवम्बर तक सीआईडी की रिमांड पर हैं।