आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है कुछ घरेलु नुस्खे जो आपकी छोटी बीमारियों में बिना दवाई के इलाज में सहायक होंगी आइये जानते है
मौसमी खांसी के लिये सेंधा नमक
सेंधे नमक की लगभग एक सौ ग्राम डली को चिमटे से पकड़कर आग पर, गैस पर या तवे पर अच्छी तरह गर्म कर लें। जब लाल होने लगे तब गर्म डली को तुरंत आधा कप पानी में डुबोकर निकाल लें और नमकीन गर्म पानी को एक ही बार में पी जाएं।
ऐसा नमकीन पानी सोते समय लगातार दो-तीन दिन पीने से खांसी, विशेषकर बलगमी खांसी से आराम मिलता है। नमक की डली को सुखाकर रख लें एक ही डली का बार बार प्रयोग किया जा सकता है।
बदन के दर्द में कपूर और सरसों का तेल
10 ग्राम कपूर, 200 ग्राम सरसों का तेल-दोनों को शीशी में भरकर मजबूत ठक्कन लगा दें तथा शीशी धूप में रख दें। जब दोनों चीजें मिलकर एक रस होकर घुल जाए तब इस तेल की मालिश से नसों का दर्द, पीठ और कमर का दर्द और, मांसपेशियों के दर्द शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं।
बैठे हुए गले के लिये मुलेठी का चूर्ण
मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है। या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुंह में रखकर सो जाएं। प्रातः काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दर्द और सूजन में भी आराम आ जाता है।
खराश या सूखी खांसी के लिये अदरक और गुड़
गले में खराश या सूखी खांसी होने पर पिसी हुई अदरक में गुड़ और घी मिलाकर खाएं। गुड़ और घी के स्थान पर शहद का प्रयोग भी किया जा सकता है। आराम मिलेगा।
दमे के लिये तुलसी और वासा
दमे के रोगियों को तुलसी की 10 पत्तियों के साथ वासा (अडूसा या वासक) का 250 मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर दें। लगभग 21 दिनों तक सुबह यह काढ़ा पीने से आराम आ जाता है।