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सरकार की चुप्पी देशवासियों पर पड़ सकती है भारी: पं. ब्रहमानंद शर्मा

सिरसा।-((सतीश बंसल ) सरकार ने देश की जनता को जीवन की सुरक्षा के नाम पर वैक्सीन रूपी जहर से भर दिया है। जीवन को जानने से पूर्व मृत्यु को जानना अत्यंत जरूरी है। यदि जीवन न हो तो प्रकृति के किसी भी तत्व की एक कौड़ी में भी कीमत नहीं है। प्रकृति का कोई भी तत्व मर्यादा तोड़कर यदि मूल कार्य से भटक जाए या सूर्य अपनी गति रोक दे तो जीवन का वजूद मिट जाएगा। जिस जीवन के लिए प्रकृति अपनी मर्यादा नहीं तोड़ती और सूर्य अपनी गति नहीं रोकता, उस जीवन को कैसे कोई वायरस मिटा सकता है। उक्त बातें पंडित ब्रहमानंद शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी से पूर्व सरकार को भविष्य की परिस्थितियों से अवगत करवाया था, लेकिन सरकार ने उनकी बातों पर गौर नहीं किया, जिसका खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ा। लाखों लोग मौत के आगोश में समा गए। हजारों महिलाएं विधवा हो गई, हजारों बच्चे अनाथ हो गए, लेकिन सरकार को उसकी कोई चिंता नहीं। उन्होंने इस बाबत डीसी से लेकर गृह मंत्री तक शिकायत दी, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया। गृह मंत्री ने एक बार शिकायत पर संज्ञान लिया और एसपी सिरसा को मार्क किया, लेकिन बड़ी विचित्र बात है कि एसपी ने उनको बुलाए बिना ही शिकायत को बंद कर दिया।

शर्मा ने बताया कि सरकार चाहे तो हार्ट अटैक से होने वाली मौतों व आकस्मिक मौत को रोक सकती है, लेकिन इसके लिए उन्हें सरकार एक मंच प्रदान करें, ताकि वो लोगों के बीच जाकर इस रहस्य से पर्दा उठा सकें। शर्मा ने यह भी कहा कि अगर उसकी कोई बात गलत निकलती है तो उसके लिए सरकार जो मर्जी सजा दे, वो भुगतने के लिए तैयार हंै, लेकिन वे जनता को मौत के आगोश में जाता हुआ नहीं देख सकते। उन्होंने इस संबंधी देश के प्रधानमंत्री से लेकर पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को भी पत्र लिखकर समस्या से अवगत करवाया है, लेकिन अभी तक उनकी ओर से भी कोई जवाब नहीं आया है। शर्मा ने कहा कि सरकार की चुप्पी देशवासियों को फिर से किसी महामारी का शिकार बना सकती है, इसलिए समय रहते इस समस्या पर गंभीरता से संज्ञान लेकर विचारना होगा।