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प्‍याज के बढ़ते दामों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने लिया बड़ा फैसला

 

नई दिल्ली। प्याज के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। आम आदमी परेशान है, ऐसे में सरकार की मुसीबत भी अब बढ़ गई हैं। यहीं कारण है की कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिये हैं। हाल ही में सरकार ने दामों पर काबू पाने के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है।

सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए एमएमटीसी को एक लाख टन प्याज आयात करने का निर्देश दिया है। खुद केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान ने इस बात को लोगों को बताया है। रामविला पासवान ने शनिवार को ट्वीट के माध्यम से बताया कि सरकार ने एक लाख टन प्याज आयात करने का फैसला लिया है।

 

रामविलास पासवान ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि सरकार ने प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एक लाख टन प्याज के आयात का फैसला लिया है। एमएमटीसी 15 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच आयातित प्याज देश में वितरण के लिए उपलब्ध कराएगा और नैफेड को देश के हर हिस्से में प्याज का वितरण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि पिछले साल नवम्बर महीने में 20 से 25 रुपये किलो की दर से प्याज बेची गई थी लेकिन इस बार यह चार गुना अधिक दाम पर बेची जा रही है। हावड़ा, हुगली, जादवपुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के विभिन्न शहरी क्षेत्रों में प्याज का दाम 80 रुपये है।

प्याज की सबसे अधिक आपूर्ति महाराष्ट्र के नासिक से होती है। वहां बहुत अधिक बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जिसके कारण प्याज की खेती भी बर्बाद हुई है और गोदाम में प्याज का स्टॉक भी कम है। करीब 40 फ़ीसदी उत्पादन कम हो गया है। बाढ़ की वजह से देश के अन्य इलाकों में भी प्याज का उत्पादन कम हुआ है। इसलिए प्याज का दाम जरूरत के हिसाब से अधिक हो गया है।

प्याज की कीमतों को काबू करने के लिए कैबिनेट सचिव ने उपभोक्ता मामलों के सचिव के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक कर देश के विभिन्न हिस्सों में प्याज की किल्लत की समीक्षा की थी। एमएमटीसी को दुबई व अन्य देशों से प्याज का आयात कर देश में इसकी उपलब्धता बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।