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Google पर अपने यूजर्स को ट्रैक करने का आरोप, लगा इतने बिलियन डॉलर का जुर्माना

Google अपने यूजर्स पर नजर रख रहा है। यूजर्स की ऑनलाइन ऐक्टिविटी को ट्रैक करने के कारण गूगल के खिलाफ कैलिफॉर्निया में एक केस दर्ज हुआ है। इस कारण गूगल पर एक बार फिर बड़ा जुर्माना लगा है। गूगल पर यह जुर्माना क्रोम ब्राउजर मे अवैध रूप से प्राइवेट मोड में यूजर्स की निगरानी को लेकर लगा है।

आमतौर पर यह माना जाता है कि किसी भी वेब ब्राउजर के प्राइवेट मोड में सर्च करने पर सर्च हिस्ट्री नहीं बनती है और आपको ट्रैक नहीं किया जाता है, लेकिन गूगल क्रोम के साथ ऐसा नहीं है, हालांकि भले ही गूगल पर यह भारी भरकम जुर्माना लगा है लेकिन कंपनी इस आरोप से इनकार करती है और कहती है कि वह प्राइवेट मोड से डाटा कलेक्ट करने को लेकर बेहद ईमानदार है।

गूगल पर यह मुकदमा लॉ फर्म Boies Schiller Flexner ने कैलिफोर्निया के सैन जोस में में दायर किया था। शिकायत में दावा किया गया कि प्रस्तावित वर्गीय कार्रवाई में गूगल के लाखों यूजर्स शामिल हैं, जिन्होंने एक जून 2016 तक इंटरनेट को निजी मोड में इस्तेमाल किया है। शिकायत में कहा गया कि गूगल को सभी अमेरिकी यूजर्स के डाटा को सेव करने का हक नहीं है।

आमतौर पर गूगल क्रोम ब्राउजर के प्राइवेट मोड यानी इंकॉग्निटो मोड में यूजर्स की सर्च हिस्ट्री सेव नहीं होती है लेकिन यदि गूगल चाहे तो वह यूजर्स को गूगल एनालिटिक्स के जरिए ट्रैक कर सकती है। वहीं गूगल के प्रवक्ता जोस कास्टानेडा ने इस दावों का खंडन करते हुए कहा कि इंकॉग्निटो मोड में भी कुछ वेबसाइट्स यूजर्स की गतिविधि को ट्रैक कर सकती है और डाटा सेव कर सकती है।

बता दें कि इससे पहले भी गूगल पर कई बार यूजर्स के डाटा को कलेक्ट करने का आरोप लग चुका है। पिछले साल ही गूगल पर अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल करते हुए अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करने का आरोप लगा था जिसके बाद गूगल पर भारी-भरकम जुर्माना लगा था।