हमारे देश में अंधविश्वास ने लोगों को अपनी कैद में कर रखा है. इसके आगे वो कुछ समझना ही नहीं चाहते. इसके लिए सरकार के जागरूकता अभियान का कोई असर नहीं पड़ रहा है.
कई जगहों पर इसका असर देखने को मिला लेकिन बहुत सी जगह आज भी ऐसी हैं जहां ये सब चलता है. ऐसे कई मामले सामने आते हैं जी हैरान कर देने वाले होते हैं.
ऐसा ही एक और किस्सा बताने जा रहे हैं. आप जानते ही हैं कि अगर किसी बच्ची के बालों में जूं पड़ जाए तो माना जाता है कि गंदगी की वजह से ऐसा हुआ है. लेकिन अगर किसी गरीब परिवार की बेटी के साथ ऐसा हो जाये तो उसे खुद को एक प्रथा के अनुसार भगवान को समर्पित करना पड़ता है.
14 जिलों में जारी है ये प्रथा
आंध्र प्रदेश के 14 जिलों में यह प्रथा अब भी बदस्तूर जारी है। बता दें, इस प्रथा को देवदासी प्रथा कहा जाता है, जिसके तहत बच्ची को मंदिर को समर्पित किया जाता है. इतना ही नहीं, यहां पांच लोग मिलकर उसके कपड़े उतारते हैं. इन सब के बाद ये कह सकते हैं कि लड़की की जिंदगी का नर्क शुरू हो जाता है. हैरानी की बात तो ये है कि उस लड़की की जिंदगी भर शादी नहीं होती है.
बताया जाता है वह वह अपनी बाकी की जिंदगी मंदिरों में रहकर ही गुज़ारती है. वहीं इस तरह की लड़की को सार्वजनिक संपत्ति माना जाता है जिसके साथ कुछ भी किया जा सकता है.
ये सब होने के बाद अंत में इन लड़कियों को वेश्यालयों में भेज दिया जाता है. यहां पर वे अपनी पूरी जिंदगी गुजरने को मजबूर हो जाती हैं. इस पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी चिंता जाहिर कर चुका है. मानवाधिकार के अनुसार अभी तक देवदासी प्रथा कई राज्यों में प्रचलित है.