Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

बर्थडे स्पेशल: इस वजह से पहली पत्नी से टुटा नाता, मौत से पहले दूसरी पत्नी से जताई थी ये इच्छा…

बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के लेजेंट सिंगर मोहम्मद रफी साहब का आज 93वां जन्मदिन है. इनके सदाबहार गाने आज भी लोग इन्हें अपने दिलों में जिन्दा किये हुए हैं. भले ही ये आज हमारे बीच न हों ,लेकिन इनका एक गाना था ‘तुम मुझे यूं भुला न पाओगे’ तो ये बात सच है कि ऐसे दिग्गज कलाकार को कोई भूल नहीं पाया है.

 मोहम्मद रफ़ी के बारे में और उनकी सिंगिंग के बारे में तो सभी जानतें हैं, लेकिन उनकी निजी जिंदगी के बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं. शायद ही लोगों को इस बात की जानकारी है कि मोहम्मद रफी की दो शादियां हुई थीं और उनकी पहली पत्नी ने उन्हें छोड़ दिया था.

इस वजह से छोड़ दिया था पहली पत्नी ने 

मोहम्मद रफी की पहली शादी उनकी कजिन बशीरा बानू से उनके पैतृक गांव में हुई थी, यह शादी ज्यादा दिन नहीं चली क्योंकि बशीरा ने रफी के साथ भारत आने से मना कर दिया. दरअसल भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के समय काफी हिंदू-मुस्लिम दंगे हुए थे और इन दंगों में बशीरा के माता-पिता की मौत हो गई थी.

इन दंगों से वह इतनी डर गईं कि उन्होंने भारत में रहने से इनकार कर दिया और वह लाहौर में ही रह गईं जबकि रफी अपने सिंगिंग करियर को जारी रखते हुए मुंबई में ही रहे.

इस तरह रफी की पहली शादी का अंत हो गया. बाद में, मोहम्मद रफी की दूसरी शादी बिलकिस बानो से हुई थी. पहली पत्नी बशीरा से मोहम्मद रफी के एक बेटे सईद थे जबकि दूसरी पत्नी से उनके चार बच्चे नसरीन, खालिद, परवीन और हामिद हुए.

आपको जान कर हैरानी होगी लेकिन बता दें, मोहम्मद रफी ने लगभग साढ़े 7 हजार से ज्यादा गाने गाए. उन्होंने हिंदी के अलावा भोजपुरी, कोंकणी, उड़िया, पंजाबी, बांग्ला, मराठी, सिंधी, कन्नड़, गुजराती, तेलुगू, मगही, मैथिली, उर्दू, अंग्रेजी, फारसी, अरबी, सिंहली और डच भाषाओं में गाने गाए थे.

मोहम्मद रफी की मौत 31 जुलाई 1980 को 55 साल की उम्र में हार्ट अटैक से हुई थी. उन्होंने अपनी मौत से कुछ घंटे पहले ही अपना आखिरी गाना फिल्म ‘आस पास’ के लिए रिकॉर्ड किया था.