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जलती चिता से महिला की खोपड़ी निकालकर पका रहे थे खाना, 3 तांत्रिक गिरफ्तार

 

फरीदाबाद। छांयसा गांव स्थित तीन तांत्रिक यमुना नदी के किनारे श्मशान घाट में जल रही एक महिला की चिता से उसकी खोपड़ी निकालकर उस पर गुड़-चावल पका रहे थे। शुक्रवार की देर रात शायद यह कोई तांत्रिक क्रिया थी, तभी कुछ परिजन आ गए। उन्होंने आरोपित तांत्रिकों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर शनिवार को तीनों आरोपितों को अदालत में पेश किया। वहां से तीनों को जेल भेज दिया गया।

पुलिस के अनुसार छांयसा गांव निवासी रूपचंद की पत्नी बिमला (50) का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। शाम करीब 5 बजे यमुना किनारे श्मशान घाट में उनका अंतिम दाह-संस्कार कर दिया गया। उसके बाद सभी लोग घर लौट आए। करीब दो घंटे बाद रुपचंद का बेटा जगदीश शाहजहांपुर गांव निवासी एक रिश्तेदार हरिचंद के साथ चिता को देखने गया, तो हैरान रह गया। तीन तांत्रिक चिता से छेड़छाड़ कर रहे थे। महिला की खोपड़ी चिता से बाहर निकाल रखी थी और उसके ऊपर मिट्टी की मटकी में चावल व गुड़ रखकर पका रहे थे।

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जगदीश और हरिचंद ने शोर मचा दिया। इस पर तीनों तांत्रिक धमकी देते हुए भागने लगे, मगर तब तक गांव के अन्य लोग आ गए और तीनों आरोपितों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस पूछताछ में तीनों तांत्रिकों ने अपना नाम सुरजन नाथ, भारत और वीरनाथ बताया। सुरजन करीब 15 साल से अटाली गांव के धार्मिक स्थल पर रहता था, जबकि वीरनाथ छांयसा गांव के ही धार्मिक स्थल पर रहता था। तीसरा आरोपित भारत करीब 15 दिन पहले ही छांयसा गांव में वीरनाथ के पास आया था।

जांच अधिकारी एएसआई नरेंद्र कुमार ने बताया कि श्मशान घाट से बरामद मटकी, चावल और गुड़ को कब्जे में ले लिया गया है। आदातल के आदेश पर तीनों आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।