Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

ये हैं मोदी कार्यकाल में हुइ वो पांच अद्भुत निर्माण, जिन्होंने दुनिया भर में बदली भारतीय इंजीनियरिंग की इमेज

नई दिल्ली। 2014 में सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी ‘विकास’ को ही अपनी प्राथमिकता बताती रही। हांलांकि राम मंदिर निर्माण का मुद्दा भी पार्टी के एजेंडे में हमेशा से ही रहा है। लेकिन सरकार का मंदिर निर्माण को लेकर रुख़ साफ है। सरकार का कहना है कि मंदिर का निर्माण अदालत के फैसले के बाद ही होगा। हांलांकि सरकार के कुछ नेता यहां तक कि खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ये ज़रूर कहते हैं कि मंदिर तो बनेगा ही, यह तय है।

सरकार को बने पांच साल होने वाले हैं। सरकार ने राम मंदिर तो नहीं बनवाया, लेकिन केंद्र ने इन सालों में ऐसी कई चीज़ों का निर्माण अपने कार्यकाल में करवाया, जिसे राष्ट्रीय धरोहर की संज्ञा दी जा सकती है। आज हम आपको ऐसी ही पांच चीजों के बारे में आपको बताएंगे जो मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान अभियांत्रिकी का एक उत्तम उदाहरण हैं।

 

1.स्टैच्यू ऑफ यूनिटी-

दुनिया की सबसे ऊंची और सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा है। 182 मीटर ऊंचाई है। गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के पास साधुबेट टापू पर स्थित है। 31 अक्टूबर 2018 को पीएम मोदी ने लोकार्पण किया था। 2,989 करोड़ की लागत से एलएनटी कंपनी ने मूर्तिकार वी. सुतार की देखरेख में बनाया है।

 

2.सिक्किम एयरपोर्ट-

देश का 100वां और सिक्किम का पहला एयरपोर्ट जो पहाड़ी पर बना है। भारत-चीन सीमा से लगभग 60 किलोमीटर दूरी पर है। सिक्किम के पाक्यॉन्ग में स्थित है। 605 करोड़ की लागत से बने एयरपोर्ट का पीएम मोदी ने 24 सितंबर 2018 को उद्घाटन किया गया।

3.असम ब्रिज-

धोला-सादिया पुल के नाम से जाना जाने वाला यह पुल देश का सबसे लंबा नदी पुल है। इसके बनने से असम के मेका से अरुणाचल प्रदेश के रोइंग की दूरी 165 किलोमीटर कम हो गई। अब मेका से रोइंग जाने में 5 घंटे के बजाए एक घंटा लगेगा। औसतन रोज़ 10 लाख रुपए का डीज़ल-पेट्रोल भी बचेगा। यह पुल 9.3 किलोमीटर लंबा है जो असम में ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी लोहित पर बना है। सदिया में 2056 करोड़ की लागत से बने इस पुल का उद्घाटन 26 मई, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

 

4.बोगीविल ब्रिज-

देश का सबसे लंबा रेल-रोड ब्रिज, जिस पर सड़क वाहन और रेल ऊपर नीचे एकसाथ चल जाती हैं। 3 लेन की सड़क और 2 रेलवे लाइन वाले यह पुल 120 साल तक सुरक्षित रहेगा। 4.94 किलोमीटर लंबा यह पुल भयानक बाढ़ और बड़े भूकंप के झटकों को भी आसानी से झेल सकता है। यह असम के डिब्रूगढ़ में ब्रह्मपुत्र नदी पर बना है। 4,857 करोड़ की लागत से बने इस पुल का उद्घाटन 25 दिसंबर 2018 को पीएम मोदी ने किया। इसे नवयुग इंजीनिरिंग कंपनी लिमिटेड ने बनाया है।

 

5. चेनानी नाशरी सुरंग-

देश की सबसे लंबी सड़क सुरंग है जिसकी लंबाई 9.28 कि.मी. है। सुरंग बनाने में 2,502 करोड़ की लागत आई है। यह जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर स्थित है। चेनानी से शुरू होती यह सुरंग नाशरी पर खत्म होती है। इस सड़क सुरंग का उद्धघाटन 2 अप्रैल 2017 को पीएम मोदी ने किया था। इसका निर्माण इंफ्रास्ट्रक्चर लीज़िग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज़ ने किया है।