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क्यूसीआई के पायलट प्रोजेक्ट में देश के पांच सरकारी अस्पताल शामिल

 

 

गाजियाबाद। क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट में देश भर के पांच सरकारी अस्पताल शामिल किए गए हैं। यूपी से एक मात्र संजय नगर स्थित संयुक्त जिला अस्पताल को इस प्रोजेक्ट में जगह मिली है।

अस्पताल में तैनात क्वॉलिटी मैनेजर डॉ. हरिओम शर्मा ने बताया कि क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने देशभर के सरकारी अस्पताल को कैटेगराइज करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट में अस्पतालों को गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज (कांस) कैटेगरी दी जाएगी। इसमें गाजियाबाद के संयुक्त जिला अस्पताल को ब्रॉज कैटेगरी में शामिल करने के लिए चुना गया है। इस सिलसिले में क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया से दो सदस्यीय डॉक्टरों की टीम संयुक्त अस्पताल के दो दिवसीय दौरे पर पहुंची थी। टीम अस्पताल से तमाम जानकारियां जुटाकर शुक्रवार को लौट गई।

संयुक्त जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. नरेश विज ने बताया कि टीम अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं से संतुष्ट नजर आई। टीम ने 210 सवालों का एक प्रश्न पत्र भी सीएमएस को दिए हैं। इन सभी सवालों के जवाब क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजने हैं। दिल्ली से आई टीम ने यहां उपलब्ध सुविधाओं, साफ-सफाई और अन्य चीजों का अवलोकन किया। टीम अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं से संतुष्ट नजर आई। अस्पताल का डाटा भी देखा। अब आगे की कार्रवाई होनी है। चयन के लिए अस्पताल से 210 सवालों के जवाब भेजे जाएंगे। इनमें छह माह में ओपीडी में आए मरीजों की संख्या, छह माह में आईपीडी में उपचार पाए मरीजों का डाटा और पिछले छह माह के दौरान अस्पताल में हुए ऑपरेशन की जानकारी के अलावा यूरीन इंफेक्शन के मामले अन्य तरह के संक्रमण के मामले जैसी जानकारियां मांगी गई हैं। टीम ने दो दिन तक अस्पताल में रहकर ऑपरेशन थियेटर, लेबर रूम और ट्रामा सेंटर समेत पूरा अस्पताल देखा।

सीएमएस डॉ. नरेश विज ने बताया कि टीम ने आयुष्मान योजना के तहत इलाज पाए मरीजों का डाटा भी देखा और यह भी जाना कि कितने मरीजों के उपचार के बिल का भुगतान प्राप्त हो गया और कितने मरीजों का भुगतान आना अभी बाकी है। इसके अलावा टीम ने यह भी जानने का प्रयास किया कि अस्पताल की सुविधाओं को और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है।

आयुष्मान योजना के लिए हो सकता है आधार

निजी अस्पतालों को आयुष्मान योजना में शामिल करने के लिए गोल्ड, सिल्वर या फिर ब्रॉज कैटेगरी लेना जरूरी हो सकता है। हालांकि यह कवायद अभी शुरूआती स्तर पर है। भविष्य में ऐसी व्यवस्था की जा सकती है कि केवल क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया से उक्त श्रेणियों में सर्टिफाइड निजी अस्पताल ही आयुष्मान योजना में शामिल किए जाएं।